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यूपी में BJP के 98 जिला अध्यक्षों की सूची में किस जाति से कितने लोग? खेले गए ये सारे कार्ड

अभिषेक मिश्रा

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Uttar Pradesh News : आखिरकार लंबे समय के बाद भाजपा के उत्तर प्रदेश के जिला अध्यक्षों की सूची जारी हो गई, जिसको लेकर के संगठन और पदाधिकारी के बीच में लंबे समय से कशमकश चल रही थी. बीजेपी ने इस सूची में जातिगत समीकरणों का पूरा ध्यान रखा हैं लेकिन उम्मीदों के उलट इस सूची में बड़े बदलाव देखे गए हैं. माना जा रहा था की नई सूची में 35 से 40 अध्यक्षों में बदलाव होगा. लेकिन 69 पदों पर बदलाव करके बीजेपी ने इशारा कर दिया है कि 2024 की तैयारी में जमीन पर कितने बदलाव हुए हैं.

सामने आई नई लिस्ट

अगर बीजेपी की नई सूची में 98 में से 69 नए अध्यक्ष बनाए गए हैं. इन शहरों में क्षेत्रीय समीकरण ऑन जातिगत बैलेंस और स्थानीय नेतृत्व का पूरा ध्यान रखा गया है ताकि आने वाले समय में टिकटों के बंटवारे को लेकर के किसी भी तरीके की आपत्तियों सामने ना आए. दर्शन पिछले डेढ़ महीने से बीजेपी के पर्यवेक्षक अलग-अलग जिलों में पहुंचे जहां पर स्थानीय नेताओं जिला इकाई और ऑब्जर्वर्स ने फीडबैक लिया था, जिसके आधार पर नई सूची में इतने बड़े बदलाव देखे गए हैं.

भाजपा ने लगाया नया दांव

सूची में बड़ा फेरबदल नए चहरों पर हैं, जिस पर भाजपा में इस बार दाव लगाया है. इसमें खास तौर पर 36 अधिक जिलाध्यक्ष पिछड़े और अति पिछड़ी जातियों से है जो अपने क्षेत्र में जातिगत समीकरणों को साधने में काबिल है और भाजपा इसका पूरा फायदा आने वाले लोकसभा चुनाव में लेगी. वहीं इस लिस्ट में 30 से ज्यादा सवर्ण, 5 दलित और 4 महिला अध्यक्ष बनाए गए हैं. वहीं सीएम योगी के क्षेत्र गोरखपुर और पीएम मोदी के क्षेत्र के जिलाध्यक्ष रिपीट किए गए है जो खास तौर पर संगठन को अपने क्षेत्र में मजबूत किए हुए हैं.

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इन्हें मिली जिम्मेदारी

नए चेहरों मे लखनऊ महानगर आनंद द्विवेदी, लखनऊ जिला विनय प्रताप सिंह, रायबरेली बुद्धीलाल पासी, सीतापुर राजेश शुक्ला, हरदोई अजित बब्बन, अम्बेडकरनगर त्रयंबक तिवारी, बाराबंकी अरविन्द मौर्य, बहराइच बृजेश पाण्डेय, श्रावस्ती उदय प्रकाश त्रिपाठी, अयोध्या महानगर कमलेश श्रीवास्तव, गाजीपुर में सुनील सिंह, प्रतापगढ़ में आशीष श्रीवास्तव, संतरविदासनगर (भदोही) में दीपक मिश्रा, अमेठी में रामप्रसाद मिश्र, प्रयागराज यमुनापार में विनोद प्रजापति, प्रयागराज गंगापर में कविता पटेल प्रयागराज महानगर में राजेन्द्र मिश्र, चन्दौली में काशीनाथ सिंह, कौशाम्बी में धर्मराज मौर्य, सोनभद्र में नन्दलाल को जिलाध्यक्ष बनाया गया.

वहीं बस्ती विवेकानंद मिश्रा, सिद्धार्थनगर कन्हैया पासवान, महराजगंज संजय पाण्डेय, देवरिया भूपेन्द्र सिंह, कुशीनगर दुर्गेश राय, आजमगढ़ कृष्णपाल, लालगंज सूरज श्रीवास्तव, मऊ नूपुर अग्रवाल, बलिया में संजय यादव, मथुरा महानगर धनश्याम लोधी, मथुरा जिला निर्भय पाण्डेय, फिरोजाबाद जिला उदय प्रताप सिंह, अलीगढ़ महानगर राजीव शर्मा, अलीगढ़ जिला कृष्णपाल सिंह लाला, हाथरस शरद महेश्वरी, मैनपुरी राहुल चतुर्वेदी, बरेली महानगर अधीर सक्सेना, आंवला आदेश प्रताप सिंह, शाहजहांपुर महानगर शिल्पी गुप्ता, शाहजहांपुर जिला केसी मिश्रा बनाए गए हैं.

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पश्चिमी यूपी में इन्हें चेहरों पर दारोमदार

इसके अलावा कानपुर महानगर उत्तर दीपू पाण्डेय, कानपुर महानगर दक्षिण में शिवराम सिंह, कानपुर देहात में मनोज शुक्ला, कानपुर ग्रामीण में दिनेश कुशवाहा, कन्नौज में वीरसिंह भदौरिया, फतेहपुर में मुखलाल पाल, औरैया में भुवन प्रकाश गुप्ता, झांसी महानगर श्री हेमंत परिहार, झांसी जिला अशोक गिरि, बांदा संजय सिंह, महोबा अवधेश गुप्ता, चित्रकूट लवकुश चतुर्वेदी, हमीरपुर श्री सुनील पाठक, जालौन उर्विजा दीक्षित, रामपुर हंसराज, मुरादाबाद महानगर में संजय शर्मा, मुरादाबाद जिला में आकाश पाल, अमरोहा में उदयगिरि गोस्वामी, बिजनौर में भूपेन्द्र चौहान बॉबी, सहारनपुर महानगर  पुनीत त्यागी, मुजफ्फरनगर सुधीर सैनी, बागपत में  वेदपाल उपाध्याय, शामली में तेजेन्द्र निर्वाल, मेरठ महानगर सुरेश जैन (ऋतुराज), मेरठ जिला शिवकुमार राणा, गाजियाबाद जिला सत्यपाल प्रधान, गौतमबुद्धनगर में  गजेन्द्र मावी, बुलन्दशहर में विकास चौहान, सम्भल में हरेन्द्र सिंह रिंकू तथा हापुड़ में नरेश तोमर को जिलाध्यक्ष बनाया गया.

पुराने चेहरों को भी मिली जगह

वहीं कुल 29 जिलों में पुराने चेहरों को दोबारा मौका दिया गया है, जहां देखा जाए तो संगठन प्रभावित तौर पर कम कर रहा है. इन चेहरों को दोबारा मौका देने के पीछे इनका बेहतर प्रदर्शन और आकलन रहा है. इन जिलों में बीजेपी अपने संगठन में बदलाव इसलिए नहीं कर रही क्योंकि वहां पर्यवेक्षकों की तरफ से दिया गया फीडबैक और क्षेत्रीय सांसद, क्षेत्रीय अध्यक्ष, विधायक और सभी के समन्वय पर आधार पर रिपोर्ट बेहतर पाई गई, जो 29 जिले के अध्यक्ष दोबारा बनाए गए हैं.

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दूसरी तरफ से सूची में 69 नए चेहरों के साथ भाजपा ने साफ कर दिया है कि स्थानीय इकाई में स्वीकार नेता को ही भाजपा अपना चेहरा बना रही है. इसका सीधा असर पार्टी के चुनाव प्रबंधन पर देखने को मिलेगा. लंबे समय इस फेहरिस्त को लेकर संगठन में माथापच्ची होती रही जिसमें दो दर्जन से ज्यादा जिलों में नाम फाइनल करने में समय लग रहा था लेकिन आखिरकार सभी समीकरणों को साधते हुए बीजेपी ने यह लिस्ट जारी कर दी है. आने वाले समय में इसका सीधा असर ज़मीन पर चुनाव प्रबंधन और क्षेत्रीय टिकट दावेदारों की सूची पर भी पड़ेगा.

जमीनी समीकरणों को तवज्जों

वह इस बात को लेकर के भी चर्चा जोरों पर थी कि आखिर इस लिस्ट के आने में इतना समय क्यों लग रहा था. भाजपा सूत्रों के मुताबिक भाजपा सूत्रों के मुताबिक पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट क्या आधार पर हर एक जिले में पैनल ने नाम तैयार किए थे. इसके बाद एक-एक चेहरे को लेकर के गहन चर्चा और फीडबैक के आधार पर फैसला किया गया है. बीजेपी ने खास तौर पर जिला अध्यक्षों की फेहरिस्त में लोकसभा चुनाव के जमीनी समीकरणों का सबसे ज्यादा ध्यान रखा है जिसके आकलन और निर्णय में सबसे ज्यादा देरी हुई.

 

वहीं दूसरी तरफ यह भी माना जा रहा है कि सूची के बाद में अब संगठन में भी नए अध्यक्षों की टीम के साथ प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी लोकसभा चुनाव से पहले संगठन के कार्य, प्रचार अभियान और प्रत्याशियों के चयन को लेकर के भी इन नए चेहरों को तरजीह दे सकते हैं. बीजेपी की जिला इकाइयों में तीन दर्जन से ज्यादा जिलों में संगठन की काफी फीडबैक बहुत बेहतर नहीं था इसके साथ ही पिछले अभियानों की समीक्षा और पार्टी के इंटरनल फीडबैक के आधार पर यह फैसला लिया गया है.

2024 को लेकर बड़ी तैयारी

बहरहाल साफ है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपने संगठन को नए सिरे से मजबूत कर रही है, जिसकी तस्वीर यह 69 नए चेहरे करते हैं जिस पर पार्टी ने एतबार किया है. संगठन में हुए यह बड़े बदलाव बीजेपी की कार्यशैली और उसके चुनाव प्रचार के अभियान को और मजबूती देंगे जो सगठन के साथ हाल के उपचुनाव की हार के बाद भी बीजेपी पूरे उत्साह के साथ लोकसभा के चुनाव की तैयारी में लग चुकी है.

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