यूपी चुनाव: अमरोहा में दूसरे फेज की वोटिंग, जानें चारों सीटों का हाल, कितना पड़ा वोट?
यूपी में सोमवार, 14 फरवरी को विधानसभा चुनावों में दूसरे दौर की वोटिंग जारी है. अमरोहा जिले की 4 विधानसभा सीटों पर भी मतदान चल…
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यूपी में सोमवार, 14 फरवरी को विधानसभा चुनावों में दूसरे दौर की वोटिंग जारी है. अमरोहा जिले की 4 विधानसभा सीटों पर भी मतदान चल रहा है. सुबह 9 बजे तक अमरोहा की सभी चार सीटों पर 10 फीसदी से अधिक मतदान हो चुका है. अमरोहा में अबतक 10.64 फीसदी, नौगांवा में 10.76 फीसदी, हसनपुर में 10.93 फीसदी और धनौरा में 10.98 फीसदी मतदान हुआ है.
अमरोहा में 2017 में बीजेपी को मिली थी तीन सीट
भौगोलिक दृष्टि से यह जनपद उत्तर प्रदेश की राजनीतिक राजधानी लखनऊ और देश की राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग ओर रेलवे लाइन से जुड़ा है. गंगा किनारे बसा होने की वजह से अमरोहा का उत्तर प्रदेश की सियासत में अहम योगदान रहा है. यहां के राजनेता कभी उत्तर प्रदेश की सरकारों को बनाने और गिराने के लिए चर्चा में रहे हैं. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां की चार विधानसभा सीटों में तीन पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीते थे. एक पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में महबूब अली ने जीत हासिल की थी.
अमरोहा जिले को आंदोलनकारियों का जिला कहा जाता है और किसानों के ज्यादातर आंदोलन अमरोहा से ही शुरू हुए और कई पार्टियों का उदय हुआ.
जिले का सामाजिक-आर्थिक ताना बाना
अमरोहा का कुल क्षेत्रफल 2470 वर्ग किलोमीटर है और यह उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल में सबसे छोटे जिलों में शुमार किया जाता है. जिले की सीमाएं मुरादाबाद, संभल, बुलंदशहर, हापुड़, बिजनौर सहित पांच जनपदों से मिलती हैं. अमरोहा की लंबाई 125 किलोमीटर और चौड़ाई 84 किलोमीटर है. यहां कुल आबादी लगभग 22 लाख है जबकि वोटर 1347726 हैं, जिनमें पुरुष 708259 और 639369 महिलाएं हैं. जिले को 4 तहसील और 6 ब्लॉकों में बांटा गया है.
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यहां पर गंगा, राम गंगा, सोत नदी, बान नदी और पोषक नदियां हैं, जो जिले के किनारे से सीमा बनाती हुई अलग-अलग इलाकों से निकलती हैं. अगर जनपद के आर्थिक पक्ष की बात करें तो मुस्लिम बाहुल्य जिला होने की वजह से छोटे-छोटे उद्योगों की भरमार है. जिले को प्रदेश के गरीब जिलों में शुमार किया जाता है. छोटी-छोटी जोत के किसानों के अलावा यहां गन्ने की खेती बड़े पैमाने पर होती है. ढोलक उद्योग जिले की पहचान है, जो पिछले कुछ समय से मंदा पड़ा हुआ है. शुगर फैक्ट्री के अलावा गजरौला स्थित औद्योगिक क्षेत्र में जहां कुछ बड़े -बड़े उद्योगों की संख्या बढ़ी है.
सभी सीटों का समीकरण
अमरोहा जिले में एक लोकसभा सीट है जो गढ़ विधानसभा को मिलाकर बनती है जिस पर बहुजन समाज पार्टी का कब्जा है. अमरोहा जिले में 4 विधानसभा है जिनमें तीन पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. एक सीट लंबे समय से समाजवादी पार्टी के कब्ज़े में है. अमरोहा जिले में केवल एक सुरक्षित सीट है जिस पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है.
2017 में ऐसी थी राजनीतिक तस्वीर
धनोरा विधानसभा 39- इस सीट के 2017 के हुए चुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के मध्य हुआ था. बसपा ने भी इस सीट पर मुकाबले में आने की भरपूर कोशिश की थी. मोदी लहर में बीजेपी के राजीव तरारा को 1,02,943 मत जबकि उनके प्रतिद्वंदी सपा के जगराम सिंह को 64,714 मत मिले जबकि बसपा के संजीव लाल को 51,952 मत मिले. इस तरह से राजीव तरारा लगभग 38 हजार मतों से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे.
नौगावां सादात विधानसभा 40- इस सीट के लिए 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर चेतन चौहान को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी के चेतन चौहान ने यहां कमल खिला दिया. चेतन चौहान योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे. चेतन चौहान के निधन से रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव हुए. नौगावां सादात विधानसभा सीट से उपचुनाव में बीजेपी ने चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान को उम्मीदवार बनाया. बीजेपी की संगीता चौहान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के जावेद आब्दी को 15 हजार से अधिक वोट के अंतर से हरा दिया था. बीजेपी की संगीता को 86692 वोट मिले थे. सपा के जावेद को 71615 वोट मिले थे.
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अमरोहा विधानसभा 41- परिसीमन के बाद जब से यह अमरोहा विधानसभा सीट अस्तित्व में आई है. तब से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता महबूब अली का ही इस सीट पर कब्जा रहा है. इस बार भी समाजवादी पार्टी के महबूब अली ने ही 74713 वोट पाकर बाजी मारी जबकि बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता नौशाद अली दूसरे नंबर पर रहे . नौशाद ने लगभग 59671 वोट हासिल किए थे. जबकि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार 45420 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे.
हसनपुर विधानसभा 42- इस सीट के वर्ष 2017 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में महेंद्र खडगवंशी ने लगभग 27 हजार मत से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के कमाल अख्तर को हराया था. बहुजन समाज पार्टी तीसरे नंबर पर रही.
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