पहचान बताने में रहमान को दिक्कत क्या? बाबा राम देव ने कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद पर उठाया ये सवाल
Nameplate Controversy : उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले सभी दुकानदारों को अपनी पहचान लिखने का निर्देश दिया गया है.
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Nameplate Controversy : उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले सभी दुकानदारों को अपनी पहचान लिखने का निर्देश दिया गया है. इस आदेश के तरह कांवड़ रूट पर पड़ने वाले होटलों, ढाबों, दुकानों और ठेलों पर दुकानदारों को अपनी नेम प्लेट लगानी होगी ताकि कांवड़ियों को पता चल सके कि वो किससे सामान खरीद रहे हैं. लेकिन सिर्फ यूपी नहीं उत्तराखंड में भी, विशेष तौर से हरिद्वार में प्रशासन ने रेहडी पटरी वालों और दुकानदारों को कहा है कि वो अपना नाम, लिखकर तख्ती लगाएं. वहीं सरकार के इस फैसले को को विपक्ष लगातार भाजपा को सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति बता रहा है, वहीं योगगुरु बाबा राम देव ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
बाबा रामदेव ने कही ये बात
नेमप्लेट विवाद पर बाबा रामदेव ने अपना बयान दिया है.उन्होनें इस आदेश को सही बताया है.इस मामले को लेकर उन्होनें कहा कि मुझे नहीं लगता है कि किसी को अपना पहचान छुपाने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही वह कहते है कि जब रामदेव अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है तो रहमान को भी नहीं होनी चाहिए. अपने नाम पर तो सबको गर्व होना चाहिए. बस अपना काम शुद्धता से करना चाहिए.
आपको बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस आदेश के चलते आरोप लगाया कि भाजपा सामाजिक सद्भाव की दुश्मन है। समाज का भाईचारा बिगाड़ने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ती रहती है. उन्होंने यह मांग की कि न्यायालय स्वतः संज्ञान ले और प्रशासन के पीछे के शासन तक की मंशा की जांच करवाकर उचित कार्रवाई करे. इसके साथ ही यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी राज्य सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे असंवैधानिक बताया. उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने यूपी सरकार ने चुनावी लाभ के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकान मालिकों को अपना पूरा नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया है.
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आदेश को लेकर बचाव में उतरे यूपी सरकार के मंत्री
इस आदेश की वकालत करते हुए यूपी सरकाक के मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि, 'कुछ लोग अपने दुकानों, ढाबों और रेस्टोरंट के नाम पर हिन्दू धर्म के नाम पर लिखते है जबकि चलाने वाले मुस्लमान होते है. इसके साथ ही उन्होनें कहा कि उनके मुस्लिम होने से कोई आपत्ति नहीं है दिक्कत बस यह है कि वह अपने दुकान पर नोनवेज बेचते हैं.'
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