‘मैं अपने बयान पर कायम हूं…’, रामचरित मानस विवाद पर बोले स्वामी प्रसाद मौर्य

यूपी तक

रामचरितमानस को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बयान के…

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

रामचरितमानस को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. राजधानी लखनऊ में सपा नेता के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया है. वहीं इन सबके बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि मैंने जो बयान दो दिन पहले दिया, आज भी उस बयान पर कायम हूं.

संतकबीर नगर पहुंचे सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैंने रामायण पर टिप्पणी नहीं की और ना ही भगवान राम पर. मैंने रामचरित मानस की चौपाई के एक अंश पर बात की. उन्होंने कहा कि मैंने जो बयान दो दिन पहले दिया, आज भी उस बयान पर कायम हूं.

संतकबीर नगर में एक रैली को संबोधित करते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि कैसे भारत सोने की चिड़िया बनेगा, अगर ये जात-पात और ढोंग-पाखंड चलते रहे तो. वहीं रामचरित मानस पर उनकी टिप्पणी अखिलेश यादव की नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये दो दिन पुरानी बात, इसे छोड़ दीजिये. अपने बयान पर मचे बवाल पर उन्होंने कहा कि हमने कभी किसी धर्म का विरोध नहीं किया सबका सम्मान करता हूँ. मैंने रामचरित मानस के एक अंश को प्रतिबंधित करने की बात कही. अम्बेडकर साहब ने कहा था कि अब संविधान मिल गया है वही सबसे बड़ा धर्म.

यह भी पढ़ें...

वहीं बाबा बागेश्वर सपा नेता ने कहा कि पाखण्ड करने वालों को जेल में डाल देना चाहिए. अभी तक एक निर्मल बाबा थे अब एक और आ गए. ऐसे कृपा होती है तो सब अस्पताल बंद कर दीजिये. अगर बाबाओं की कृपा से इलाज हो रहा है तो.

क्या कहा था स्वामी प्रसाद मौर्य ने

स्वामी प्रसाद मौर्य ने र्म रविवार को यूपीतक से बात करते हुए कहा था कि कोई भी हो, हम उसका सम्मान करते हैं. लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष, वर्ग विशेष को अपमानित करने का काम किया गया है, हम उस पर आपत्ति दर्ज कराते हैं. रामचरितमानस में एक चौपाई लिखी है, जिसमें तुलसीदास शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. उन्होंने कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान हो, उसका सम्मान मत करिए. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो. 

    follow whatsapp