रामपुर उपचुनाव: आजम खान चाह रहे ‘अपनी वाली’ जीत, पर सता रहीं ये 2 चिंताएं, यहां समझिए
उत्तर प्रदेश में 2 लोकसभा क्षेत्रों रामपुर और आजमगढ़ में उप चुनाव हो रहे हैं. 23 जून को यहां मतदान होना है, लेकिन चुनाव में…
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उत्तर प्रदेश में 2 लोकसभा क्षेत्रों रामपुर और आजमगढ़ में उप चुनाव हो रहे हैं. 23 जून को यहां मतदान होना है, लेकिन चुनाव में कोई खास जोश नहीं दिखाई दे रहा. आजम खान जेल से बाहर हैं और रामपुर के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है. हालांकि इस चुनाव में आजम खान को एक खास चिंता सता रही है. आजम को इस बात की आशंका सता रही है कि समाजवादी पार्टी और खासकर मुसलमानों का वोट प्रतिशत इतना कम ना हो जाए कि रामपुर का चुनाव ही न फंस जाए.
आजम खान ने अपनी चुनावी चिंताओं को लेकर बंद कमरे में कार्यकर्ताओं से बात भी की है. सूत्रों के मुताबिक कार्यकर्ताओं से बात करते हुए आजम खान ने कई अहम बातें कहीं. आजम खान ने कहा कि उन्हें शक है कि इस बार ईवीएम मशीन बदलने की पूरी तैयारी है और वोट से भरे हुए ईवीएम मशीनों को वोटिंग के बाद बदला जा सकता है. आजम खान ने कार्यकर्ताओं का आह्वान करते हुए कहा कि, ‘ईवीएम मशीन की आते-जाते हुए पूरी निगरानी करें. जिस गाड़ी से ईवीएम मशीन आए उस पर अपनी नजर बनाकर रखें. चाहे कहीं से भी उन्हें देखना पड़े, मिन्नत करनी पड़े, पेड़ पर चढ़ना पड़े, छतों पर चढ़ना पड़े तो भी करें, लेकिन EVM बदलने की मंशा सफल नही होनी चाहिए.’
आजम खान ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि इस बार जोश हाई होना चाहिए. चुनाव में उदासी है, जोश कम है लेकिन कार्यकर्ताओं को अपना मनोबल बनाए रखना है क्योंकि सरकार उसे तोड़ने की कोशिश कर रही है. आजम खान ने कहा कि ‘बेशक यह चुनाव सरकार बनाने और बिगाड़ने का नहीं है लेकिन इससे उनकी इज्जत जुड़ी है और अगर उन्हें मिले वोटों से कम आसिम राजा जीतते हैं तो सरकार समझेगी कि अब जनाधार कम हो गया और फिर सरकार मुझे परेशान कर सकती है. ऐसे में कार्यकर्ताओं को शहर के मक्खियों की तरह इस चुनाव में लोगों से चिपक जाना है ताकि हमारा वोट उसी जोश के साथ पड़े.’
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चुनाव प्रचार खत्म होने में महज 2 दिनों का वक्त बचा है, लेकिन रामपुर में अभी तक यह चुनाव किसी तरफ से चढ़ नहीं पाया है. यूपीतक की टीम ने रामपुर की अलग-अलग विधानसभाओं में घूम कर लोगों के मिजाज का जायजा लिया. हालांकि मतदाता खामोश हैं, लेकिन चुनाव का मन बन चुके हैं.
चमरौआ विधानसभा के चमरौआ गांव में जब चौराहे पर यूपी तक गाड़ी रुकी, तो कई लोग वहां जमा हो गए. सभी इलाके के मुस्लिम समाज के लोग थे. सभी एक सुर में आजम खान के समर्थन की बात करते नजर आए. इन लोगों ने साफ कहा कि जिस तरीके से देश और प्रदेश में हालात हैं, हम आज़म खान को कमजोर नहीं कर सकते, आजम खान यह हमारे नेता हैं और यहां तो सिर्फ साइकिल ही चलेगी.
हालांकि सदर विधानसभा के चौराहे पर लोधी बिरादरी के कर्मवीर और कोमिल लोधी मिले, जिनका कहना था इस बार बसपा के चुनाव मैदान में नहीं होने से जाटव वोट भी बीजेपी को जाएगा. कुल मिलाकर आजम खान इस बार जेल से बाहर हैं. अपनी ताकत का एहसास रामपुर में कराना चाहते हैं. वह चाहते हैं कि उनका उम्मीदवार मजबूती से जीते और संदेश बिल्कुल साफ जाए.
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