वाराणसी में PM मोदी बोले- ‘गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 दिसंबर को वाराणसी में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसके बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने…
ADVERTISEMENT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 दिसंबर को वाराणसी में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसके बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, ”आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की जन्मजयंती है. उनकी स्मृति में देश, किसान दिवस मना रहा है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है. गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय, माता है, पूज्नीय है. गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है.”
पीएम मोदी ने कहा,
-
”आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है. ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है.”
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
”भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना, आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है. इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है.”
”6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है. आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है. मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है.”
ADVERTISEMENT
प्रधानमंत्री ने कहा, ”मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है. इस विश्वास के कई कारण भी हैं: पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है. दूसरा ये कि भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं. तीसरा ये कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान, उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है और चौथा ये कि जो हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है.”
पीएम मोदी ने कहा कि समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया, उस पर केमिकल वाली खेती हावी होती गई. उन्होंने कहा कि धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा, यही आज समय की मांग है.
ADVERTISEMENT
प्रधानमंत्री ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा,
-
”मैं जब काशी के, उत्तर प्रदेश के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं, तो कुछ लोगों को बहुत कष्ट होता है.”
-
”ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति को सिर्फ जाति, पंथ, मत-मजहब के चश्मे से ही देखा. इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने.”
-
”स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय, इनको तो वो विकास मानते ही नहीं. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की ये भाषा भी उनके सिलेबस से बाहर है.”
-
”उनके सिलेबस में है- माफियावाद, परिवारवाद. उनके सिलबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा.”
इसके अलावा उन्होंने कहा, ”पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और आज यूपी के लोगों को हमारी सरकार से जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है. हम यूपी में विरासत को भी बढ़ा रहे हैं, यूपी का विकास भी कर रहे हैं.”
जिस नाथ संप्रदाय से आते हैं योगी वह ब्राह्मणों को मानता है दुश्मन? इस दावे का सच जानें
ADVERTISEMENT