NDA संग आने के बाद CM योगी से राजभर की पहली मुलाकात की तस्वीर आई सामने, जानें क्या हुई बात
UP Political News: आगामी लोकसभा चुनावों से पहले छोटे-छोटे दलों को साधने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रविवार को एक और…
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UP Political News: आगामी लोकसभा चुनावों से पहले छोटे-छोटे दलों को साधने की कोशिश में जुटी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रविवार को एक और सफलता मिली. दरअसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गई. वहीं, राजभर के भाजपा के साथ आने पर कई बड़े नेताओं ने ट्वीट किया. मगर सीएम योगी का इसपर कोई ट्वीट सामने नहीं आया. ऐसे में चर्चा उठ चली कि सीएम योगी राजभर के भाजपा के साथ आने से खुश नहीं हैं. मगर अब खुद राजभर ने सीएम योगी से मुलाकात की तस्वीर ट्वीट की है. इस दौरान राजभर के दोनों बेटे अरुण और अरविंद मौजूद रहे.
सीएम योगी के साथ तस्वीर ट्वीट कर राजभर ने कहा, “NDA में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी से लखनऊ स्थित आवास पर शिष्टाचार मुकलाकत हुई. जनकल्याण के मार्ग पर चलते हुए योगी जी ने उत्तर प्रदेश को उन्नति की जो ऊंचाइयां दी हैं, वे निश्चित रूप से अभूतपूर्व है.”
NDA में शामिल होने के बाद उत्तर प्रदेश के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी से लखनऊ स्थित आवास पर शिष्टाचार मुलाक़ात हुई।
जनकल्याण के मार्ग पर चलते हुए योगी जी ने उत्तर प्रदेश को उन्नति की जो ऊँचाइयाँ दी है। वह निश्चित रूप से अभूतपूर्व है। pic.twitter.com/UXoRo6Snzl
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) July 21, 2023
राजभर के भाजपा के साथ आने से योगी नाराज हैं?
जब राजभर से सवाल किया गया कि भाजपा और सभापसा के गठबंधन से सीएम योगी नाराज हैं क्या? तो इसपर उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर हम यहां आए हैं. उन्होंने कहा था कि जाओ जाकर बात फाइनल करो. अब फाइनल कर लिया है…अब मिलकर लड़ेंगे.”
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तब सीएम योगी की तारीफ के पुल बांधते हुए राजभर ने कहा था, “कांग्रेस, सपा, बसपा यूपी की सत्ता में रह चुकी हैं. अभी भाजपा है. मैं डंके की चोट पर कह रहा हूं कि आजादी के बाद से अब तक इतने मुख्यमंत्री बने लेकिन सबसे ज्यादा मेहनत धरातल पर करने वाला अगर कोई सीएम है तो वह योगी आदित्यनाथ जी हैं.”
2017 में पहली बार भाजपा और सुभापसा साथ आए थे
गौरतलब है कि सुभासपा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ा था और चार सीटें जीतीं थीं. राजभर को गठबंधन के सहयोगी के तौर पर कैबिनेट मंत्री बनाया गया था लेकिन उन्होंने पिछड़ों और वंचितों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ही खिलाफ मोर्चा खोल लिया था इसकी वजह से सरकार के सामने कई बार असहज स्थिति अभी पैदा हुई थी. लगातार तल्खी के बाद 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजभर ने भाजपा गठबंधन से नाता तोड़ लिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था.
2022 में सपा के साथ राजभर ने मिलाया था हाथ
राजभर की पार्टी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) से हाथ मिलाया और छह सीटें जीतीं. उस चुनाव में राजभर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘खेला होबे’ के नारे की तर्ज पर ‘खड़ेदा होबे’ का नारा दिया था. यह राज्य सत्ता से भाजपा को ‘बाहर निकालने’ का आह्वान था.
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