राजभर का लौटा राजयोग! योगी सरकार में मंत्री बनने के बाद SBSP चीफ ने दिया ये बयान

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Om Prakash Rajbhar News: सुहेलदेव भारतीय समाज के मुखिया (सुभासपा) ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को लखनऊ स्थित राजभवन में मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ली. शपथ लेने के बाद राजभर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनका एक ही लक्ष्य गरीबों, वंचितों और पिछड़ों की सेवा करना है. राजभर ने कहा कि सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य में एक भी दंगा नहीं हुआ है. उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीट जीतेगा.

कौन हैं ओम प्रकाश राजभर?

बता दें कि बसपा से अलग हाेकर 2002 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) की स्थापना करने वाले राजभर वाराणसी जिले के मूल निवासी हैं. वह गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्होंने अपनी पार्टी का मुख्यालय बलिया जिले के रसड़ा में बनाया है. वह जिस राजभर बिरादरी से आते हैं, उसकी पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों में अच्छी संख्या है. सुभासपा का दावा है कि बहराइच से बलिया तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस समुदाय की आबादी 12 फीसद है. उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में राजभर की पार्टी के छह विधायक हैं.

गौरतलब है कि राजभर की पार्टी ने 2017 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था और तब उनके चार विधायक जीते थे. राजभर को योगी की पहली सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले  उनकी पार्टी गठबंधन से अलग हो गई थी. हालांकि, राजभर ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली पहली सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

 

 

राजभर ने कांशीराम से प्रभावित होकर शुरू की थी राजनीति

उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि 1983 में उन्होंने बलदेव डिग्री कॉलेज (बड़ागांव- वाराणसी) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर राजनीति शास्त्र से स्नातोकोत्तर किया. राजभर ने 1981 में बसपा संस्थापक कांशीराम से प्रभावित होकर राजनीति शुरू की थी लेकिन 2001 में बसपा प्रमुख मायावती से नाराज होकर उन्होंने बसपा छोड़ दी. इसके बाद उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) नाम से अपनी पार्टी बना ली.

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कब से चुनाव लड़ रही है सुभासपा

सुभासपा 2004 से चुनाव लड़ रही है. राजभर ने 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाया. इस चुनाव में वह खुद जहूराबाद सीट से मैदान में थे. उन्होंने भाजपा के कालीचरण राजभर को हराकर जीत हासिल की. चुनाव में सपा गठबंधन को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के बाद अखिलेश यादव से उनके रिश्ते खराब हो गए. अंतत: ओमप्रकाश राजभर सपा गठबंधन से बाहर आ गए.

  (भाषा के इनपुट्स के साथ)

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