UP में योगी 2.0 का पहली बार हुआ मंत्रिमंडल विस्तार, ओपी राजभर समेत इन विधायकों ने ली शपथ

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंगलवार शाम को पहली बार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ.

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Yogi Cabinet Expansion: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंगलवार शाम को पहली बार मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. इसके तहत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के विधायक अनिल कुमार और भाजपा के एमएलसी दारा सिंह चौहान तथा साहिबाबाद के विधायक सुनील शर्मा ने मंत्री पद की शपथ ली.

योगी आदित्यनाथ ने 2022 में मुख्यमंत्री के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभाला था। उनके नेतृत्व वाले वर्तमान मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 18 कैबिनेट मंत्री हैं. योगी मंत्रिमंडल में 14 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 20 राज्य मंत्री हैं. यूपी मंत्रिपरिषद में फिलहाल अधिकतम 60 मंत्रियों की सीमा के भीतर 52 सदस्य हैं. 

 

 

इस विस्तार के माध्यम से भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न जातियों के बीच अपनी मजबूत पकड़ बनाने की पहल की है.

राष्ट्रीय लोक दल के प्रमुख जयंत सिंह चौधरी ने शनिवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की एवं वह औपचारिक रूप से सत्तारूढ़ राजग में शामिल हो गए. हाल तक विपक्षी दलों के समूह 'इंडिया' का हिस्सा रहे जयंत सिंह पिछले कुछ समय से भाजपा के निकट होते दिख रहे थे और उनके पितामह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को केंद्र सरकार द्वारा 'भारत रत्न' दिये जाने के बाद यह करीबी बढ़ती गई.

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वहीं, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद 16 जुलाई 2023 को राजग में अपनी वापसी की घोषणा की थी. ओपी राजभर ने कहा कि दोनों पार्टियां 2024 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगी और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और शाह समेत वरिष्ठ भाजपा नेताओं को धन्यवाद दिया. राजभर 18 जुलाई को दिल्ली में राजग की बैठक में भी शामिल हुए थे.

 

 

2022 के उप्र विधानसभा चुनाव में राजभर का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को 'पूर्वांचल' के कुछ हिस्सों में भाजपा के अपेक्षाकृत खराब प्रदर्शन का एक महत्वपूर्ण कारण माना गया. राजभर ने 2017 में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन बाद में उनके रिश्ते खराब हो गये थे और उन्होंने योगी सरकार से इस्तीफा दे दिया था. राजभर ने 2022 में सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा.

इसके पहले योगी के नेतृत्व की पहली सरकार में वन मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मंत्री पद और भाजपा से इस्तीफा देकर सपा का दामन थाम लिया और 2022 में वह मऊ जिले की घोसी से विधानसभा सदस्य चुने गए. बाद में वह सपा और विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में लौट आए.

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