पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले संग दुर्व्यवहार, पुलिस ने बाल पकड़ खींचा, वीडियो वायरल

राम बरन चौधरी

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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा को लेकर योगी सरकार की मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. घटना के बाद मौके पर पहुंचने की कोशिश कर रहे नेताओं को रोका जा रहा है, जिसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. वहीं, दूसरी तरफ हिंसा में मारे गए बहराइच जिले के 2 किसानों की मौत का मामला भी तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में अब बहराइच की पूर्व सांसद और कांशी राम बहुजन पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सावित्री बाई फुले के साथ दुर्व्यवहार की खबर सामने आई है. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसान दलजीत सिंह के गांव बंजारन टांडा जा रही थीं. लेकिन वहां पहुंचने से पहले नानपारा कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत नानपारा लखीमपुर बाईपास पर स्थित इमामगंज मोड़ पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इससे नाराज होकर वो वहीं धरने पर बैठ गईं. आरोप है कि पुलिस ने उन्हें अभद्रतापूर्ण तरीके से जबरदस्ती जीप में बैठाया और उनके बाल भी खींचे. इसके बाद उन्हें रुपईडीहा पुलिस थाने में भेज दिया गया.

इस घटना को लेकर विपक्षी नेताओं ने दीं अपनी प्रतिक्रिया

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, “सावित्री @Phulesavitribai तुम्हारे साथ इस तरह का व्यवहार देखकर दुख हुआ. लड़ती रहो, डटी रहो.”

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद ने ट्वीट कर कहा, “ये योगी के रामराज्य की एक झांकी है. संविधान राज खत्म करके मनुस्मृति राज लाने की संघी रणनीति पर काम चालू है. एक पूर्व महिला सांसद के साथ ऐसा बर्ताब क्रूर शासक के जंगलराज में ही संभव है. योगी जी, क्या वास्तव में UP में लोकतंत्र बचा है?”

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क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला, जिसपर मचा है बवाल?

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार, 3 अक्टूबर को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई थी.

आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले की गाड़ियों ने किसानों को रौंदा. हालांकि, केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे ने इस आरोप का खंडन किया है. उनका कहना है कि आशीष मिश्रा पूरे वक्त कार्यक्रम स्थल पर थे, वह घटनास्थल पर आए ही नहीं. वहीं, इस मामले में आशीष मिश्रा समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है.

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