सर्वे : मैनपुरी सीट पर एक बार फिर जीतेंगी डिंपल यादव? 2024 को लेकर सामने आई चौंकाने वाली बात
Uttar Pradesh News : 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अभी से सियासी दलों के…
ADVERTISEMENT
Uttar Pradesh News : 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में अभी से सियासी दलों के बीच उठा पटक शुरु हो गई है. बीजेपी को 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बड़ी सफलता मिली थी. पार्टी एक बार फिर उसी प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद कर रही है. एबीपी न्यूज-सी वोटर के हालिया सर्वे में इस बात पर मुहर लग रही है कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल बीजेपी को कोई चुनौती देते नहीं दिख रहा है. वहीं, इस ओपिनियन पोल में ये बात भी निकलकर सामने आई है कि डिंपल यादव (Dimple Yadav) 2024 चुनाव में मैनपुरी सीट से बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती पेश कर सकती हैं.
मैनपुरी में कौन मार रहा है बाजी?
बता दें कि एबीपी न्यूज-सी वोटर के ओपिनियन पोल के अनुसार मैनपुरी से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव 2024 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर बाजी मार सकती हैं. एबीपी न्यूज-सी वोटर के हालिया सर्वे की माने तो डिंपल यादव, मैनपुरी से बड़े अंतर से आगे हैं. 2022 मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी डिंपल यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को दो लाख 88 हजार 461 मतों से हराकर यह सीट सपा के पास बरकरार रखी. डिंपल ने छह लाख 18 हजार 120 मत हासिल किए जबकि शाक्य को तीन लाख 29 हजार 659 वोट मिले.
बता दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में मैनपुरी समाजवादी पार्टी के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने जीत दर्ज की थी. वहीं 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर डिंपल यादव ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
2019 में यूपी में कैसे रहे थे नतीजे?
बता दें कि साल 2019 में भी उत्तर प्रदेश में मोदी-योगी लहर चली थी. इस दौरान एनडीए ने कुल 64 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. दूसरी तरफ मैदान में अखिलेश और मायावती का सपा-बसपा गठबंधन था. मगर ये गठबंधन भी भाजपा की लहर को रोक नहीं पाया. साल 2019 में बसपा को 10 तो वहीं सपा को 5 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल हुई थी. तो वहीं कांग्रेस ने सिर्फ रायबरेली लोकसभा सीट पर ही जीत हासिल की थी. यहां तक की राहुल गांधी अपनी अमेठी लोकसभा सीट भी हार गए थे.
ADVERTISEMENT