मध्यप्रदेश में हार कर भी बाजीगर बन गए अखिलेश, कांग्रेस से लिया बदला! आंकड़ों से समझिए पूरी कहानी

रजत कुमार

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मध्यप्रदेश में कांग्रेस-सपा का होता गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर? जानें आंकड़ों की जुबानी पूरी कहानी
मध्यप्रदेश में कांग्रेस-सपा का होता गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर? जानें आंकड़ों की जुबानी पूरी कहानी
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Madhya Pradesh Election Result 2023 : मध्य प्रदेश एक बार फिर भाजपा का जादू चला है. यहाँ बीजेपी को प्रचण्ड बहुमत मिला है. अब तक आए आंकड़ों की माने तो मध्यप्रदेश में भाजपा बंपर जीत की ओर बढ़ रही है. भाजपा ने 164 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है तो वहीं कांग्रेस 65 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए नतीजा सिफर की ओर रहा है. समाजवादी पार्टी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूरा जोर लगाया था. पार्टी की ओर से 50 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारे गए थे, सपा किसी भी सीट पर जीत के करीब तो नहीं पहुंची पर कुछ सीटों पर कांग्रेस का खेल जरूर बिगाड़ा है.

सपा ने इन सीटों पर बिगाड़ा खेल

बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने जिन सीटों पर कांग्रेस का खेल बिगाड़ा उनमें प्रमुख रुप से चांदला, नीवारी, राजनगर, गुनौर और जतरा सीट शामिल है. बता दें कि इन सीटों पर सपा को लगभग उतने ही वोट मिले हैं जितने वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है. चांदला विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी 15 हजार वोटों से जीत हासिल की वहीं इस सीट पर सपा प्रत्याशी पुष्पेन्द्र कुमार को 24 हजार से ज्यादा वोट मिले, वहीं यहां कांग्रेस प्रत्याशी को 54 हजार वोट मिले. नीवारी विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी ने 17 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की वहीं इस सीट पर सपा की मीरा यादव को 32 हजार वोट मिले, कांग्रेस प्रत्याशी को यहां 37 हजार वोट ही मिले.

चुनाव से पहले सपा-कांग्रेस में दिखी थी रार

गौरतलब है कि अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के साझीदार होने की हैसियत से सीटों की मांग की थी. कमल नाथ ने एक भी सीट देने से सपा को इंकार कर दिया. अखिलेश ने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर उनसे बातचीत की थी. सात सीटें उन्हें देने की बात हो रही थी, लेकिन बाद में कांग्रेस मुकर गई. विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’में शामिल सामजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस से खासा नाराज थे. अखिलेश यादव कमल नाथ के रवैयै से बेहद आहत हुए. सपा प्रमुख के अपमान का मुद्दा उत्तर प्रदेश में भी जोर शोर से उछला.

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अखिलेश ने खोल दिया था मोर्चा

सपा नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. अखिलेश ने बिफर कर यहां तक कह दिया था कि अगर उन्हें पता होता कि राज्यों में गठबंधन की बात नहीं है, तो सपा कांग्रेस संग बैठक करने नहीं जाती. वहीं उत्तर प्रदेश में अखिलेश और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बीच भी तल्खी देखने को मिली थी. कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त थी कि मध्य प्रदेश में वह सरकार बनाने वाली है और ऐसे माहौल में वह बाद में अखिलेश को मना लेगी. लेकिन अब दांव उल्टा पड़ चुका है.

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