खतौली उपचुनाव: जयंत से मिले चंद्रशेखर, RLD प्रत्याशी मदन भैया को समर्थन देने का किया ऐलान

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समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन ने रविवार को उत्तर प्रदेश की खतौली विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए रविवार को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. रालोद ने अपने आधिकारिक हैंडल से किए गए ट्वीट में बताया कि मदन भैया को खतौली विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए रालोद-सपा गठबंधन का उम्मीदवार घोषित किया गया है. वहीं, रालोद ने बताया है कि आजाद समाज पार्टी ने खतौली विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया को समर्थन दिया है. बता दें कि सोमवार को नई दिल्ली में आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने रालोद चीफ जयंत सिंह से मुलाकात की.

रालोद ने प्रेस रिलीज जारी कर ये कहा-

कौन हैं मदन भैया?

गाजियाबाद के लोनी इलाके के जावली गांव के रहने वाले मदन सिंह कसाना को लोग मदन भैया के नाम से भी जानते हैं. इस इलाके में मदन भैया का अपना अलग ही रसूख हैं और उनकी छवि एक बाहुबली की है. इस बात को वह बीते चुनाव में खुद भी कह चुके हैं. मदन भैया खेकड़ा विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं.

जावली गांव में 11 सितंबर 1959 को मदन भैया का जन्म एक गुर्जर परिवार में हुआ था और अपनी पढ़ाई के दौरान ही उनकी दबंगई की कहानियां सामने आने लगी थीं. साल 1989 में जेल में रहते हुए उन्होंने खेकड़ा सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा. हालांकि अपना पहला चुनाव मदन भैया हार गए, लेकिन दूसरे स्थान पर पहुंचकर उन्होंने बहुत सारे राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया था.

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उन्होंने अपना दूसरा चुनाव साल 1991 में खेकड़ा सीट से ही जनता दल के प्रत्याशी के रूप में जेल के अंदर से लड़ा और उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी लोक दल के प्रत्याशी रिछपाल बंसल को हराकर बाजी अपने नाम कर ली.

साल 1993 के विधानसभा चुनाव में वह फिर चुनाव मैदान में उतरे और समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह्न पर दोबारा से जीत का परचम लहरा दिया. हालांकि 1996 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें भाजपा प्रत्याशी रूप चौधरी ने हरा दिया, लेकिन 2002 में उन्होंने रूप चौधरी को हराकर फिर खेकड़ा सीट पर जीत का परचम लहरा दिया. मदन भइया पूरा सियासी इतिहास जानने के लिए यहां क्लिक करिए.

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