क्या यूपी में 'SIR' के चक्कर में फंस गई है बीजेपी? पार्टी को सता रहा अब ये डर!
UP News: पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर ATMS असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष सरकार ने CCTV से कपल को ब्लैकमेल किया. सरकार को उसे बर्खास्त कर दिया गया है. बीजेपी के लिए SIR यूपी में बन गया है संकट? ये बड़ी वजह सामने आई. संसद में अखिलेश यादव ने अवधेश प्रसाद को खड़ा कर बीजेपी को फिर से चिढ़ाया है.
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UP News: यूपी Tak के खास शो 'आज का यूपी' से उत्तर प्रदेश की तीन बड़ी खबरें सामने आई हैं. इन खबरों के केंद्र में एक तरफ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा मैनेजर द्वारा हाई-टेक कैमरों का घिनौना दुरुपयोग है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी के लिए एसआईआर (मतदाता सूची संशोधन) प्रक्रिया एक बड़ा सिरदर्द बन गई है क्योंकि पौने तीन करोड़ मतदाताओं के गणना फॉर्म वापस नहीं आए हैं जिससे शहरी वोट कटने का डर सता रहा है. उधर संसद में एक बार फिर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद को आगे कर बीजेपी को राजनीतिक रूप से 'चिढ़ाने' का काम किया है.
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर ऐसे चल रहा था ब्लैकमेलिंग का धंधा
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए लगाए गए एंटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के हाई-रेजोल्यूशन कैमरे अब ब्लैकमेलिंग का जरिया बन गए हैं. सुल्तानपुर के हालियापुर टोल प्लाजा पर तैनात असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष सरकार पर आरोप है कि उसने एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले नवविवाहित जोड़ों और प्रेमी-प्रेमिकाओं के निजी पलों को रिकॉर्ड किया. मामला तब खुला जब उसने रिकॉर्ड किए गए वीडियो दिखाकर एक नवविवाहित दंपत्ति को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.
शिकायत के मुताबिक, ब्लैकमेलर ने पैसे वसूलने के बाद भी वीडियो को वायरल कर दिया. पीड़ितों ने इसकी शिकायत सुल्तानपुर के जिलाधिकारी (DM) के साथ-साथ सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाई. मुख्यमंत्री तक मामला पहुंचने के तुरंत बाद आशुतोष सरकार को बर्खास्त कर दिया गया और उसकी गिरफ्तारी की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री ने सुरक्षा के लिए लगाए गए इन हाई-रेजोल्यूशन कैमरों के दुरुपयोग और ब्लैकमेलिंग को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. इतना ही नहीं, ऐसी भी शिकायतें सामने आई हैं कि एक्सप्रेसवे के आस-पास खेतों में काम कर रही महिलाओं की भी आपत्तिजनक तस्वीरें रिकॉर्ड की गई थीं.
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2.75 करोड़ SIR फॉर्म वापस नहीं, BJP को क्यों सता रहा शहरी वोट कटने का डर?
उत्तर प्रदेश में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया बीजेपी के लिए चिंता का विषय बन गई है. अभी तक 2.75 करोड़ (तकरीबन 18%) मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म (SIR प्रपत्र) जमा नहीं किए हैं. बीजेपी को यह डर सता रहा है कि यह बड़ी तादाद उन शहरी क्षेत्रों से है जो पारंपरिक रूप से बीजेपी के गढ़ माने जाते हैं.
ये है बीजेपी की चिंता का कारण:
- बीजेपी को लगता है कि शहरों (जैसे लखनऊ, प्रयागराज, अयोध्या, गाजियाबाद, नोएडा) के वोटर फॉर्म भरने में उदासीन हैं.
- डुप्लीकेसी (दोहरीकरण) से बचाव: कई ऐसे वोटर थे जिनके गांव और शहर दोनों जगह वोट थे. डुप्लीकेसी से बचने के लिए उन्होंने शहरों के बजाय अपने गांव के वोट को बचाना प्राथमिकता दी है, जिसके कारण बड़ी तादाद में शहरों के वोट कट रहे हैं.
- बीजेपी को यह चिंता है कि समाजवादी पार्टी का वोटर समूह अपने वोट को लेकर 100% जागरूक है और उन्होंने अपने प्रपत्र जमा कर दिए हैं, जबकि बीजेपी के वोटर पीछे रह गए हैं.
- अयोध्या में 41000, लखनऊ में 2.2 लाख और प्रयागराज में 2.4 लाख मतदाताओं के प्रपत्र जमा नहीं हुए हैं. बीजेपी को डर है कि अगर इतने वोट कटते हैं तो चुनावी मार्जिन पर गंभीर असर पड़ सकता है.
संसद में अखिलेश यादव का 'अयोध्या अस्त्र', अवधेश प्रसाद को खड़ा कर BJP को चिढ़ाया
संसद के भीतर एक बार फिर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने राजनीतिक दांव से बीजेपी को चिढ़ाने का काम किया. वंदे मातरम गीत के 150 साल पूरे होने पर चल रही विशेष चर्चा के दौरान जब अखिलेश यादव ने अंग्रेजों के खिलाफ मुखबिरी करने वालों पर तंज कसा तो बीजेपी के बेंचेस से हंगामा शुरू हो गया.
हंगामा होते ही अखिलेश यादव ने तुरंत अपने बगल में बैठे अयोध्या से सांसद अवधेश प्रसाद को खड़ा किया और फिर उन्हें बैठने को कहा. यह एक तरह का 'साइकोलॉजिकल वॉरफेयर' था, जिसमें अखिलेश ने बीजेपी को यह याद दिलाया कि अयोध्या सीट पर उनकी हार हुई है. अवधेश प्रसाद जो बीजेपी की हार का प्रतीक बन चुके हैं, को खड़ा करके अखिलेश ने सत्ता पक्ष को यह संदेश दिया कि वे अपनी सबसे बड़ी हार को न भूलें. अखिलेश यादव के लिए अब अवधेश प्रसाद बीजेपी को चिढ़ाने का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चेहरा बन गए हैं.











