यूपी में अगर आज हुए विधानसभा चुनाव तो CM योगी और अखिलेश में कौन रहेगा आगे? नतीजे चौंकाऊ

यूपी तक

UP News: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) का कॉन्फिडेंस अपने ऊफान पर है. इसकी मुख्य वजह यही है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों में यूपी के भीतर सपा सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है.

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Picture: CM Yogi Adityanath & Akhilesh yadav
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UP News: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) का कॉन्फिडेंस अपने ऊफान पर है. इसकी मुख्य वजह यही है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों में यूपी के भीतर सपा सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई है. बता दें कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में 80 में से महज 5 सीट जीतने वाली सपा ने 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए 37 सीटें जीती हैं. इस बीच यूपी Tak ने अपने विश्लेषण में ये पाया है कि अगर आज यूपी में विधानसभा चुनाव हो गए तो सूबे में कौनसी पार्टी आगे रहेगी. बता दें कि यूपी Tak के विश्लेषण में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं, जिन्हें आप आगे जान सकते हैं.

यूपी में सीएम योगी और अखिलेश में कौन रहेगा आगे?

 

लोगों के मन में यह सवाल है कि लोकसभा का यही चुनाव अगर विधानसभा में बदल दिए जाए तो कौन बाजी मारेगा? इस सवाल का जवाब हासिल करने के लिए यूपी तक ने सभी विधानसभाओं से जानकारी एकत्रित कर ये पता किया कि सूबे में कौन आगे रहेगा. अगर लोकसभा चुनाव के परिणाम को विधानसभा में परिवर्तित कर दिया जाए तो आज के समय में इंडिया गठबंधन (सपा और कांग्रेस) को 224, भाजपा के नेतृत्व वाले NDA को 174 और चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी को 5 सीटें मिल सकती हैं. 

 

 

अखिलेश की कमान में सपा की यूपी में चमत्कारिक वापसी

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा ने अखिलेश यादव की कमान में चमत्कारिक वापसी कर राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया. पीएम मोदी की लोकप्रियता और भाजपा द्वारा राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने के बावजूद सपा का शानदार चुनावी प्रदर्शन जमीनी स्तर पर अखिलेश की लोकप्रियता और उनकी राजनीतिक सूझबूझ को दर्शाता है.

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सपा की स्थापना के बाद लोकसभा चुनावों में यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है और इसका श्रेय अखिलेश यादव को जाता है. सपा संस्‍थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अखिलेश यादव ने न केवल अपनी पारिवारिक एकता कायम की है, जबकि 2019 में बसपा से गठबंधन के बावजूद सिर्फ पांच सीटें जीतने वाली सपा ने अकेले (यादव) परिवार में ही पांच सीटें हासिल कर ली हैं.

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