मुझे मुल्ली कहा गया... सहारनपुर के उसी छापुर गांव पहुंची सपा सांसद इकरा हसन जहां बोले गए थे उन्हें अपशब्द
सपा सांसद इकरा हसन ने सहारनपुर के छापुर गांव में हुए प्रदर्शन के दौरान खुद को 'मुल्ली' और 'आतंकवादी' कहे जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि यह पूरे समाज की महिलाओं का अपमान है.
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UP News: कैराना से सपा सांसद इकरा हसन आज सहारनपुर के छापुर गांव पहुंची. छापुर वही गांव है जहां बीते दोनों शिव मंदिर खंडित किया गया था. इसको लेकर हिंदू सुरक्षा सेवा संघ ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान सांसद इकरा हसन को लेकर नारेबाजी की गई थी. इकरा हसन को कथित तौर पर गालियां भी दी गईं. इसी को लेकर सांसद इकरा हसन ने नाराजगी जताई है. इकरा हसन ने कहा कि प्रदर्शन के खिलाफ उन्हें मुल्ली और आतंकवादी कहा गया. उन्होंने कहा कि यह उनका ही नहीं बल्कि पूरे समाज की महिलाओं का अपमान है. इकरा ने कहा कि वह दबकर राजनीति नहीं करेंगी और जो समाज को तोड़ने की कोशिश करेगा उसे वह छोड़ेंगी नहीं.
'आज जिस तरह की मुझे गालियां दी जा रही हैं...'
बुधवार को सांसद इकरा ने छापुर गांव के ग्रामीणों के साथ बैठक कर बातचीत की. उन्होंने कहा कि विरोध करने का अधिकार सबको है, लेकिन विरोध के दौरान धर्म, बिरादरी और महिलाओं के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, वह उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि जब वह चुनाव जीती थीं, तब हर धर्म और हर जाति के लोगों ने उन्हें वोट दिया था. इकरा हसन ने कहा, "आज जिस तरह की मुझे गालियां दी जा रही हैं, वह सिर्फ मेरा नहीं बल्कि इस क्षेत्र की हर महिला का अपमान है. मैंने कभी धर्म या बिरादरी की राजनीति नहीं की. हमेशा सबको साथ लेकर चलने की कोशिश की है. अगर किसी को मेरा काम पसंद नहीं है तो पांच साल बाद मुझे बदल सकते हैं. क्या मैं आपके समाज की बेटी नहीं हूं?"
'प्रशासन ने कहा था कि छापुर न जाएं'
इकरा ने कहा, "मुझे प्रशासन की ओर से फोन आया था कि वे छापुर न जाएं. लेकिन मैंने कहा कि यह मेरा इलाका है. मैं क्यों न जाऊं? मैं राजनीति की नहीं, समाज की बात करने आई हूं. मुझ पर जो अभद्र टिप्प्णी की गई, उस मामले में एसएसपी ने खुद ही मुझे फोन कर तहरीर मांगी थी." उन्होंने कहा कि 'मेरा धर्म, मेरा समाज और गेरी जिम्मेदारी सब मुझे साथ लेकर चलना सिखाते हैं.'
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