पार्टी छोड़ पूर्व MP बोले- SP अंसारियों के कब्जे में, अखिलेश अब मुख्तार के भाई की सुनते हैं

विनय कुमार सिंह

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गाजीपुर के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी (एसपी) के कद्दावर नेता राधे मोहन सिंह ने 6 अप्रैल को पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया. उन्होंने यूपी तक से खास बातचीत में आरोप लगाया कि वे पिछले दो दशक से ज्यादा समय से समाजवादी पार्टी की नीतियों के साथ जुड़े रहे, लेकिन अब पार्टी गलत रास्ते पर है और उनका यहां तिरस्कार हो रहा है.

बातचीत में राधे मोहन सिंह ने एसपी चीफ अखिलेश यादव पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने अखिलेश यादव को जातिवादी नेता बताया और कहा,

“आज अखिलेश यादव मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी की ही सुनते हैं. लखनऊ पार्टी दफ्तर में मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी विधानसभा चुनाव टिकट बंटवारे के दौरान वीआईपी कल्चर में आता है और अखिलेश यादव से सीधे उनके चेंबर में जाकर भेंट कर लेता है. हम जैसे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हफ्तों अखिलेश जी का इंतजार करते रहते थे.”

राधे मोहन सिंह

उन्होंने बताया कि अब्बास अंसारी ने मऊ में जो मंच से अधिकारियों पर टिप्पणी की वह एसपी चीफ अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद की थी. सिंह ने कहा, “शुक्र मनाइए कि अखिलेश यादव की सरकार नहीं आई अन्यथा क्या होता भगवान ही मालिक थे. प्रदेश बर्बाद हो गया होता. अखिलेश यादव अब बदल गए हैं. वे जातिवादी हो गए हैं. मुख्तार अंसारी के परिवार को तरजीह देते हैं.”

राधे मोहन सिंह ने दावा करते हुए कहा, “2024 में अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर से सांसद का चुनाव लड़ेंगे.” उन्होंने कहा कि वह सच्चे समाजवादी थे और बिना किसी लालच के उन्होंने समाजवादी पार्टी की राजनीति की, लेकिन अब पार्टी इनके चंगुल में फंसने के बाद उनके जैसे कार्यकर्ताओं और नेताओं की अनदेखी करने लगी है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को समझ में नहीं आ रहा है कि वे किनके चक्कर में फंस गए हैं.

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राधे मोहन सिंह ने आरोप लगाया कि एसपी ने लगातार उनका टिकट काटकर उन्हें हाशिए पर ही रखा, लेकिन उन्होंने पार्टी को मां का दर्जा दिया था.

इस बार विधानसभा चुनाव में राधे मोहन सिंह एसपी का टिकट मांगा था, लेकिन उनका आरोप है कि अफजाल अंसारी के चलते यह टिकट अखिलेश यादव ने उन्हें नहीं दिया. बातचीत के क्रम में सिंह ने ओम प्रकाश राजभर को लोभी नेता बताया और कहा कि समाजवादी पार्टी का भविष्य खराब है.

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‘योगी एक निष्पक्ष जनप्रतिनिधि हैं’

राधे मोहन सिंह ने कहा, “योगी सरकार की नीतियां बहुत अच्छी हैं और सीएम योगी एक निष्पक्ष जनप्रतिनिधि हैं. वह मेरे साथ 2009 से 2014 तक संसद में साथ थे. उन्होंने कहा, “मैं किस पार्टी में जाऊंगा यह अभी तय नहीं किया है, लेकिन समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं.”

राधे मोहन सिंह के इस्तीफे के बाद गाजीपुर सहित आसपास के इलाके में अटकलों का बाजार गर्म है.

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