SP सरकार ने रोकी थी अनुसूचित जाति-जनजाति के बच्चों की स्कॉलरशिप: CM योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार, 2 दिसंबर को राज्य की पूर्ववर्ती एसपी सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से अनुसूचित जाति और…
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार, 2 दिसंबर को राज्य की पूर्ववर्ती एसपी सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों की स्कॉलरशिप रोकने का आरोप लगाया.
सीएम योगी ने 2 दिसंबर को बताया, ”प्रदेश के 12 लाख से ज्यादा बच्चों को आज 458.66 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति दी जा रही है.”
अपने संबोधन में उन्होंने आरोप लगाया, ”पिछली सरकारें भेदभाव करती थीं, साल 2016-17 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बच्चों की छात्रवृत्ति ही रोक दी गई थी. जब मार्च 2017 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो मैं यह देखकर आश्चर्यचकित था कि उन बच्चों की छात्रवृत्ति उन्हें दी ही नहीं गई थी.”
उन्होंने कहा, ”राजनीतिक प्रतिशोध और प्रतिद्वंद्विता के तहत बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया गया. उन लोगों के द्वारा यह सीधे-सीधे शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं को बाधित करने का एक षड्यंत्र था.”
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मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नेतृत्व में सरकार बनने पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति को उनके बैंक खातों में भेजा गया, पिछले साढे़ चार साल में सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों में जितने बच्चों को छात्रवृत्ति मिलती थी, उनसे भी 40 लाख से ज्यादा बच्चों को वजीफा दिया है.
सीएम योगी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें अपने राजनीतिक लाभ और हानि को देखकर छात्रवृत्ति पर रोक लगाती थीं. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के शासन में इस नफे-नुकसान की परवाह किए बगैर प्रदेश के बच्चों को आगे बढ़ने का मौका और वातावरण दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि देश में बीजेपी के शासन काल के दौरान शासन की योजनाओं को हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाया जा रहा है, चाहे वह अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के बच्चों के लिए मुफ्त में कोचिंग की व्यवस्था हो या अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के लिए कोचिंग का इंतजाम हो. सीएम योगी ने कहा कि पिछड़ी और सामान्य जातियों के बच्चों के लिए भी अभ्युदय योजना के तहत मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की गई है.
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मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग से कहा कि वह वर्तमान में प्रदेश के 18 जिलों में संचालित हो रही अभ्युदय योजना को सभी 75 जिलों तक पहुंचाए.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी काल के दौरान सरकार ने तय किया कि जो बच्चे अपने घर से दूर जाकर कोचिंग पढ़ते हैं उन्हें उन्हीं के जिले में कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, अभ्युदय कोचिंग योजना उसी का परिणाम है.
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