आरक्षण श्रेय गांधी-नेहरू को नहीं सिर्फ अंबेडकर को, कांग्रेस ने उनके खिलाफ साजिश की, मायावती बोलीं

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UP Politics: एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने कल यानी शुक्रवार के दिन अपना रुख साफ कर दिया. सरकार ने कहा कि क्रीमी लेयर संविधान में नहीं है और वह बी.आर अंबेडकर के संविधान के साथ है. इसके बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से भी एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर बयान आया. कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि वह भी एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर के खिलाफ है. 

बता दें कि अब इसी को लेकर बहुजन समाज पार्टी की चीफ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती कांग्रेस पर हमलावर हो गई हैं. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मामले के ऊपर पूरा बयान दिया, जिसमें उन्होंने गांधी-नेहरू का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि गांधी और नेहरू के योगदान से ही नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण को मान्यता दी गई. अब इसी को लेकर बसपा चीफ ने कांग्रेस को घेरा है. 

बसपा चीफ मायावती ने क्या-क्या कहा?

सोशल मीडिया X पर बसपा चीफ मायावती ने लिखा, ‘कल BSP की प्रेस कान्फ्रेंस के बाद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिये बयान की जानकारी मिली, जिससे SC व ST के समक्ष कांग्रेस पार्टी के बयान में बाबा साहेब डां भीमराव अम्बेडकर को नहीं बल्कि पं नेहरू व गांधीजी को आरक्षण का श्रेय दिया गया है, जिसमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं.

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‘कांग्रेस ने रची अंबेडकर के खिलाफ साजिश’

बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा, आरक्षण का पूरा श्रेय बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर को ही जाता है, जिनको किस तरह से कांग्रेस के लोगों ने संविधान सभा में जाने से रोकने का षड़यन्त्र रचा तथा उनको चुनाव में भी हराने का काम किया. कानूनी मंत्री पद से भी इस्तीफा देने को विवश किया.

मायावती ने आगे लिखा,

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह कहा कि देश में SC व ST वर्गों के उपवर्गीकरण के सम्बन्ध में पार्टी के स्टैण्ड का खुलासा करने के पहले इनकी पार्टी NGOs व वकीलों आदि से विचार-विमर्श करेगी, जिससे स्पष्ट है कि कांग्रेस उपवर्गीकरण के पक्ष में है.

'कांग्रेस ने की गोलमोल बात'

बसपा चीफ ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘कांग्रेस द्वारा क्रीमीलेयर के बारे में भी गोलमोल बातें की गई है. कांग्रेस के 99 सांसद होने के बाद भी सत्रावसान होने तक संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए कोई भी आवाज नहीं उठाई गई जबकि इस पार्टी ने संविधान व आरक्षण को बचाने के नाम पर ये सीटें जीती हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

दरअसल हाल ही में सुप्रीम कोर्ट का एससी-एसटी आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में आरक्षण यानी कोटे में कोटा दिए जाने की बात कही थी और इसकी मंजूरी भी दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि एससी-एसटी के अंदर ही सब कैटेगरी बनाई जा सकती हैं, जिसके तहत अति पिछड़े वर्ग को अलग से आरक्षण दिया जा सके. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने क्रीमी लेयर का भी जिक्र किया था. तभी से ये मामला चर्चाओं में आया था.

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