MP में कांग्रेस-सपा का होता गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर? जानें आंकड़ों की जुबानी पूरी कहानी

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मध्यप्रदेश में कांग्रेस-सपा का होता गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर? जानें आंकड़ों की जुबानी पूरी कहानी
मध्यप्रदेश में कांग्रेस-सपा का होता गठबंधन तो बदल जाती तस्वीर? जानें आंकड़ों की जुबानी पूरी कहानी
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Uttar Pradesh News : समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अब भी मानते हैं कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस और उनके नेता कमलनाथ ने अच्छे से गठबंधन किया होता, तो स्थिति काफी अलग होती. लेकिन फिलहाल विधानसभा की स्थिति ये है कि बीजेपी को 163 सीट तो कांग्रेस की 66 सीट मिली.  गठबंधन को लेकर बवाल काटने वाले अखिलेश यादव का खाता भी नहीं खुला. खाता तो छोड़िए. अखिलेश यादव की पार्टी सपा ने मध्य प्रदेश की इस चुनाव में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया.

सपा को मिले अबतक के सबसे कम वोट

2023 विधानसभा में सपा को सिर्फ 0.45 फीसदी वोट मिला. इससे पहले सपा 1998 में लड़ी थी, जब उसे 1.58 फीसदी वोट मिला था. इसके अलावा 2003 मे 3.7 फीसदी, 2008 में 1.9 फीसदी और 2013 में 1.2 फीसी और 2018 में 1.3 फीसदी वोट मिला था. सिर्फ यहीं नहीं, अखिलेश यादव की पार्टी ने चुनाव लड़ने भी जमकर नाक कटाई है. इस बार पार्टी ने 69 सीट पर चुनाव लड़ी. लेकिन कोई भी ऐसी सीट नहीं थी, जहां पार्टी दूसरे नंबर पर भी रही हो. 43 सीट तो ऐसी थी, जहां 1000 वोट से भी कम मिला.

अखिलेश औक कमलनाथ की लड़ाई

और ये सब तब हुआ है. जब अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में 6 दिन के अंदर करीबी 24 रैलिया कीं. ना सिर्फ वो बल्कि उनकी पत्नी और मैनपुरी से सपा की सांसद डिंपल यादव भी प्रचार के लिए मैदान में उतरी. फिर सपा ने मध्य प्रदेश में अपनी भद्द पिटा दी. लेकिन ऐसा नहीं है कि गठबंधन को लेकर जो बयान अखिलेश यादव ने दिया. वह बिल्कुल ही गलत है. जैसा कि अखिलेश यादव शुरू में कमलनाथ और कांग्रेस 4 से 5 सीट मांग रहे थे, अगर वैसा होता, तो शायद सपा इतनी सीट जीत जाती. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि मध्य प्रदेश की 4 विधानसभा में सपा भले खुद ना जीती हो, उसने कांग्रेस का बंटाधार कर दिया.

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इन सीटों सपा ने बिगाड़ा कांग्रेस का खेल

सबसे पहले बात कर लेते हैं निवारी सीट की. जिसको लेकर अखिलेश यादव काफी उत्सुक थे. जहां सपा के नेता दीप नारायण यादव की पत्नी मीरा दीपक यादव को उम्मीदवार बनाया. यहां अखिलेश यादव ने तीन रैलियां भी की थी. यहां बीजेपी अनिल जैन 17 हजार वोट से चुनाव जीते. जबकि तीसरे नंबर रहीं सपा को 32 हजार से ज्यादा वोट मिला. वहीं, बहोरीबंद सीट पर कांग्रेस 23 हजार से हारी, तो सपा को 21 हजार से ज्यादा वोट मिला. इसके अलावा चंदला सीट पर कांग्रेस को 15 हजार से हार मिली, तो सपा को 24 हजार से ज्यादा वोट मिला. कुछ ऐसी ही स्थिति जतारा सीट की रही, यहां कांग्रेस 11 हजार से हारी और सपा को 15 हजार से ज्यादा वोट मिला.

यूपी में पड़ेगा असर!

अब इन आंकड़ों को मानें, तो अखिलेश यादव और कांग्रेस का गठबंधन होता, तो कम से कम 4 सीट ही जीत सकते थे. और शायद कुछ और सीट पर समाजवादी जीत दर्ज कर सकती थी. फिलहाल, अखिलेश यादव को इसका तो दुख है, लेकिन ये जरूर कह रहे हैं कि अब INDIA गठबंधन 2024 में खेल पलट देगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि आखिर इतनी नाराजगी और कमलनाथ के अखिलेश-वखिलेश के बयान के बाद यूपी में INDIA गठबंधन कैसे चलेगा?

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