स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों पर गुस्सा हुए अखिलेश यादव? सपा चीफ ने ये क्या कह दिया
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म के खिलाफ विवादित बयानबाजी कर रहे हैं. अब इसी बीच अखिलेश यादव का इस पूरे मामले पर रिएक्शन सामने आया है.
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Lucknow News: समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म के खिलाफ विवादित बयानबाजी कर रहे हैं. वह अपने भाषणों और सोशल मीडिया X पर लगातार एक खास वर्ग पर लगातार हमला बोल रहे हैं. ऐसे में अब स्वामी प्रसाद मौर्य की वजह से समाजवादी पार्टी को भी परेशानी होने लगी है.
दरअसल सपा के कई नेता पहले भी स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं. मगर सपा की तरफ से स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कभी कोई एक्शन नहीं लिया गया है. मगर अब खुद अखिलेश यादव ने इस मामले पर बड़ी बात बोली है.
सपा ने करवाया था महा ब्राह्मण समाज पंचायत
दरअसल लोकसभा चुनाव करीब हैं. ऐसे में इस समय सपा हर वर्ग को साधने की कोशिश कर रही है. बीते रविवार सपा के प्रदेश मुख्यालय में महा ब्राह्मण समाज पंचायत का आयोजन किया गया था. इस दौरान महा ब्राह्मण समाज के कई बड़े नेताओं और समाज के प्रतिनिधियों ने सपा चीफ अखिलेश यादव से मुलाकात भी की.
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इस दौरान समाज के प्रतिनिधियों ने अखिलेश यादव के सामने अपनी बात रखी और अखिलेश ने भी समाज को संबोधित किया. इस दौरान प्रबुद्ध सभा और कन्नौज के प्रबुद्ध समाज की तरफ से बिना नाम लिए स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों पर खुलकर आपत्ति जताई गई और अखिलेश यादव से इन बयानों को रोकने की मांग भी की गई. मीडिया रिपोर्ट की माने तो समाज की तरफ से ये भी कहा गया कि ऐसे बयानों से एक बड़ा तबका सपा से लगातार दूर होता जा रहा है. सपा को इसका नुकसान आने वाले चुनाव में उठाना पड़ सकता है.
अखिलेश ने क्या कहा?
मिली जानकारी के मुताबिक, सपा चीफ अखिलेश यादव ने दौरान साफ कहा कि धर्म-जाति पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए. इस दौरान अखिलेश ने कहा कि हम इस चीज पर हर हालत में अंकुश लगाएंगे. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब सपा चीफ अखिलेश यादव के सामने स्वामी प्रसाद मौर्य की शिकायत की गई है.
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इससे पहले सपा के कई ब्राह्मण नेताओं ने भी सपा चीफ अखिलेश यादव से मुलाकात करके स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाया था. अब देखना यह होगा कि अखिलेश की नहीसत के बाद भी क्या स्वामी प्रसाद मौर्य अपने इन बयानों पर रोक लगाते हैं?
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