‘मिले मुलायम-सोनेलाल’, OBC पॉलिटिक्स ने फिर गरमाया यूपी का सियासी महौल
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में ओबीसी राजनीति फिर से गरमा उठी है. अपना दल (केमेरावादी) के स्थापना दिवस पर समाजवादी पार्टी ने एक…
ADVERTISEMENT
Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में ओबीसी राजनीति फिर से गरमा उठी है. अपना दल (केमेरावादी) के स्थापना दिवस पर समाजवादी पार्टी ने एक बड़ा संकेत दिए हैं. अपना दल (के) के स्थापना दिवस पर ‘मिले मुलायम-सोनेलाल’ यानी यादव+कुर्मी के साथ पोस्टर के जरिए नया सियासी संदेश दिया है. बता दें कि यूपी में ओबीसी का सबसे बड़ा हिस्सा इन्हीं दो जातियों से आता है. यूपी में हर राजनीतिक दल कुर्मी समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रहा है.
अखिलेश ने दिया ये बड़ा संकेत
अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अपना दल (कमेरावादी) के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन जारी रहेगा और आश्वासन दिया कि उसे पूरा सम्मान दिया जाएगा. लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अपना दल (कमेरावादी) के स्थापना दिवस समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि दोनों पार्टियों का लक्ष्य एक ही है. अखिलेश यादव ने कहा कि हम एक साथ आए हैं, अगर गठबंधन ऐसे ही चलता रहा, तो आने वाले समय में बदलाव होना तय है. सपा प्रमुख ने कहा कि हम 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे और आप लोग जिस विश्वास के साथ हमारे साथ आए हैं, हम उसका पूरा सम्मान करेंगे.
यूपी में ओबीसी राजनीति की गणित
दरअसल, उत्तर प्रदेश की सियासत ओबीसी समुदाय के इर्द-गिर्द घूमती दिख रही है. सूबे की सभी पार्टियां ओबीसी को केंद्र में रखते हुए अपनी राजनीति एजेंडा सेट कर रही हैं. यूपी में सबसे बड़ा वोटबैंक पिछड़ा वर्ग का है. सूबे में 52 फीसदी पिछड़े वर्ग की आबादी है, जिसमें 43 फीसदी गैर-यादव यानि जातियों को अतिपिछड़े वर्ग के तौर पर माना जाता है. ओबीसी की 79 जातियां हैं, जिनमें सबसे ज्यादा यादव और दूसरे नंबर कुर्मी समुदाय की है.
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT