अखिलेश जन्मदिन विशेष: अमर सिंह की पैरवी आई काम और टीपू को मिल गई सत्ता, पढ़ें अनसुना किस्सा

अमीश कुमार राय

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Akhilesh Yadav Birthday: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव आज यानी 1 जुलाई को अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं. अखिलेश के जन्मदिन के मौके पर उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया है. वहीं, इस अवसर पर कुछ ‘उत्साहित’ सपा कार्यकर्ताओं ने अखिलेश को भावी प्रधानमंत्री भी घोषित कर दिया है. अखिलेश के जन्मदिन के मौके पर यूपी तक ने यादों का पिटारा खोलते हुए उनसे जुड़े कुछ रोचक किस्से खोज निकाले हैं. खबर में सबको विस्तार से जानिए.

अखिलेश, अमर सिंह और हैना मॉन्टेना का ये कैसा कनेक्शन

अब आप सोच रहे होंगे कि अखिलेश यादव के जन्मदिन पर अमर सिंह और टीवी सीरियल हैना मॉन्टेना का ये कैसा कनेक्शन. तो जान लीजिए कि इंसान के जीवन में कब कौन सी घटना उसके लिए रॉन्ग टर्न बन जाए या कब कौन सा वाकया उसके सितारों को बुलंदी पर ले जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. ऐसा ही एक वाकया है अखिलेश यादव, अमर सिंह और टीवी सीरियल हैना मॉन्टेना से जुड़ा.

राजनीति के नए नए शौकीन लोगों को शायद दिवंगत अमर सिंह और अखिलेश के बीच के तल्ख रिश्तों की ही याद हो. पर अपने जीवन के अंतिम दौर से पहले अमर सिंह की राजनीतिक पारियों का किस्सा कुछ और ही था. वह किस्सा जब सतरंज की बिसात पर बिछी सत्ता के सबसे माहिर खिलाड़ी अमर सिंह अपने मुंहबोले भतीजे टीपू के सबसे बड़े पैरवीकार हुआ करते थे.

ये किसा आपको या तो बड़े बुजुर्ग सुनाएंगे या किताबों का सहारा लेना पड़ेगा. आज अखिलेश यादव के 50वें जन्मदिन पर चलिए आपको कुछ ऐसे ही किस्से सुनाते हैं.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

राजनीति में सत्ता के साथ साथ रिश्ते भी बड़ी तेजी से बदल जाते हैं. ऐसे ही बदले हुए रिश्ते की बानगी हमें अमर सिंह की जिंदगी के अंतिम सालों में देखने को मिलती है जब वो मुलायम परिवार, खासकर अखिलेश को लेकर बागी हो गए. पर इस किस्से की शुरुआत ऐसी न थी. आप कत्तई मत चौंकिएगा अगर हम आपको बताएं कि टीपू यानी अखिलेश के राजनीतिक जीवन की सबसे बड़ी पैरवी में से एक का श्रेय अमर सिंह को भी जाता है.

तब टीपू सांसद तो बन चुके थे लेकिन पार्टी की कमान हासिल करने का रास्ता नहीं बना था

अखिलेश यादव के जन्मदिन पर इस खास किस्से को जानने के लिए आपको पुराने वक्त में लौटना पड़ेगा. यह उस दौर की कहानी है जब अखिलेश यादव सांसद बन चुके थे. अखिलेश ने पहली बार साल 2000 में कन्नौज सीट से लोकसभा उपचुनाव जीता था. वही कन्नौज जहां का इत्र फेमस है. बाद में अखिलेश ने 2004 और 2009 के लोकसभा चुनाव भी इसी सीट से जीते.

ADVERTISEMENT

यह किस्सा 2007 का है जिसका जिक्र प्रिया सहगल ने अपनी किताब ‘द कंटेंडर्स: हू विल लीड इंडिया टुमॉरो’ में किया है. यह वही साल था जब मायावती ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी को शिकस्त देते हुए उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल की थी. इसी चुनावी हार पर चर्चा के लिए समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अमर सिंह के तब दिल्ली के लोदी रोड स्थित आवास पर इकट्ठा हुआ था.

डिनर के वक्त अचानक अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव से कहा कि नई पीढ़ी की राजनीति के लिए नई पीढ़ी के नेता की जरूरत है. वाकचातुर्य के धनी अमर सिंह ने अपनी बात को खास तरीके से एक्सप्लेन भी किया. उन्होंने वहीं बैठी अपनी दोनों बेटियों में एक से पूछा कि वो टीवी पर कौन सा सीरियल देखती हैं? जवाब मिला, हैना मॉन्टेना. अमर सिंह ने मुलायम से कहा कि देखिए अखिलेश की बेटियां भी इसी उम्र की होंगी और अपने बच्चों के जरिए उन्हें पता चलता होगा कि युवा क्या देखते और क्या चाहते हैं. ऐसा कहते हुए अमर सिंह ने अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया.

ADVERTISEMENT

अब जब यहां हैना मॉन्टेना सीरियल का जिक्र आ ही गया है तो थोड़ा ठहरकर इसके बारे में भी जान लीजिए. Hannah Montana असल में 2006 में आई एक टीन सिचुएशन कॉमेडी थी. अमेरिकन सिंगर मिली सायरस स्टारर इस टीवी शो में मिली स्टीवर्ट नाम की एक साधारण टीन एज लड़की फेमस पॉप सिंगर हैना मॉन्टेना के नाम से दोहरी जिंदगी जी रही होती है.

खैर अब वापस मूल किस्से पर लौटते हैं. जब अमर सिंह ने अखिलेश यादव को लेकर यह प्रस्ताव मुलायम के सामने पेश किया तो सिर्फ मुलायम को छोड़ बाकी सभी राजी थे. तब मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह पार्टी के विचारक जनेश्वर मिश्र से इस बारे में राय लेंगे. किताब के मुताबिक जब छोटे लोहिया के नाम से मशहूर जनेश्वर मिश्र से मुलायम ने उनकी राय मांगी तो उन्होंने तुरंत हामी भर दी.

हालांकि अखिलेश उत्तर प्रदेश अध्यक्ष 2009 में बन पाए लेकिन अमर सिंह की वो पैरवी ही थी, जिसने समाजवादी दिग्गजों के सामने अखिलेश के लिए इस रास्ते को प्रशस्त किया. अखिलेश यादव ने भी इस मौके को भरपूर भुनाया. अखिलेश ने तत्कालीन माया सरकार के खिलाफ जंग का ऐलान किया और समाजवादी पार्टी के संगठन में युवा शक्ति को अहम पदों पर बिठाया. अखिलेश के हल्ला बोल का ही नतीजा था कि 2012 के विधान सभा चुनावों में समाजवादी पार्टी को बंपर जीत मिली और वह खुद 38 साल की उम्र में यूपी के सबसे युवा सीएम बन गए.

फाइल फोटो

सीएम योगी, मायावती ने अखिलेश को यूं दी बधाई

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बहुजन समाज पार्टी चीफ मायावती ने भी अखिलेश यादव को खास अंदाज में बधाई दी है.

सीएम योगी ने कहा, “समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी को जन्मदिन की बधाई! प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य की कामना है.”

वहीं, बसपा चीफ मायावती ने बधाई देते हुए कहा, “समाजवादी पार्टी के प्रमुख व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को आज उनके जन्मदिन पर उन्हें व उनके परिवार वालों को हार्दिक बधाई तथा उनकी अच्छी सेहत के साथ लम्बी उम्र की शुभकामनायें.”

वहीं, डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री नेता विपक्ष श्री अखिलेश यादव जी आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें, भगवान श्रीराम आपको सदैव स्वस्थ प्रसन्न रखें और दीर्घायु करें!”

गौरतलब है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में 1 जुलाई 1973 को हुआ. उनके पिता मुलायम सिंह यादव एक बड़े राजनेता थे. बता दें कि मुलायम सिंह यादव का पिछले साल 10 अक्टूबर को लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था.

 

 

 

 

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT