आरक्षण को लेकर NDA में रार! अनुप्रिया पटेल के पत्र के बाद संजय निषाद ने भी दिखाई भाजपा को आंख

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Sanjay Nishad, CM Yogi Adityanath
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UP Politics: आरक्षण के मुद्दे को लेकर अब एनडीए के घटक दलों के अंदर ही घमासान शुरू हो गया है. अपना दल (एस) की प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पत्र के बाद अब निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने भी आरक्षण के मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार से नाराजगी जताई है. योगी कैबिनेट में मंत्री संजय निषाद ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा है कि जब योगी जी सांसद थे तब वह सदन में मुद्दा उठाते थे कि निषाद समाज को आरक्षण दिया जाए. कहते थे कि निषाद आरक्षण के हकदार हैं. मगर जब पक्ष (सरकार में आने पर) इसपर चर्चा भी नहीं हुई. ऐसे में लोगों को निराशा महसूस होती है. 

संजय निषाद ने आगे कहा, लोगों को लगता है कि पहले तो उनसे कहा गया था. मगर अब उदासीनता है. समाज के लोगों ने साल 2019-22 में खूब वोट दिया. मगर साल 2024 में समाज के कुछ लोगों ने वोट नहीं दिया. उन्होंने आरक्षण के मुद्दे को लेकर इस बार वोट नहीं दिया. संजय निषाद ने कहा है कि अब इस मुद्दे पर उनके कार्यकर्ता और समाज घेर रहा है. निषाद आरक्षण का मुद्दा उठा रहा है. ऐसे में अब हमारे लोग जमा हो रहे हैं. आने वाले 2 दिनों तक इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की जाएगी.

आरक्षण का भय दिखाकर सपा 37 सीट जीती- संजय निषाद

संजय निषाद ने कहा कि चुनावों में समाजवादी पार्टी आरक्षण का भय दिखाकर 37 सीट जीती हैं. आरक्षण के मुद्दे पर ही सपा को लाभ मिला है. अगर आरक्षण को लेकर विसंगति दूर नहीं की गई तो सही नहीं रहेगा. ये बहुत गंभीर मुद्दा है. 

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'आरक्षण के कारण ही सपा-कांग्रेस और बसपा खत्म हुई'

संजय निषाद ने आगे कहा, आरक्षण के कारण ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बीएसपी खत्म हुई हैं. आरक्षण से जुड़ी विसंगति को दूर करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए. इस मामले पर सरकार को गंभीर चर्चा करनी चाहिए.

अनुप्रिया पटेल ने पत्र में क्या लिखा था?

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने लिखा था, प्रदेश सरकार की साक्षात्कार वाली नियुक्तियों में ओबीसी-अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को यह कहकर छांट दिया जा रहा है कि वह योग्य नहीं हैं. अपने लिखे पत्र में केंद्रीय मंत्री ने साफ लिखा था,  'Not Found Suitable' कहकर नियुक्तियों से एसटी-एसटी/ओबीसी को रोका जा रहा है. बाद में इन पदों को अनारक्षित घोषित कर दिया जा रहा है. ऐसे में सरकार इसपर गंभीरता से ध्यान दे और अहम कदम उठाएं.

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