Exclusive इंटरव्यू: यूपी CM योगी आदित्यनाथ बोले, 300 से अधिक सीट जीत बनाएंगे सरकार

कुमार अभिषेक

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यूपी चुनाव 2022 के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी समेत विपक्ष की समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस समेत अन्य दलों ने कमर कस ली है. 2017 के चुनाव में यूपी की जनता ने बीजेपी को अकेले 312 सीटों पर जीत दिलाकर प्रचंड बहुमत दिया था. अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार के साढ़े चार साल से अधिक का कार्यकाल पूरा कर जनता की अदालत में जाने वाले हैं. क्या 2022 में योगी के नेतृत्व में बीजेपी की नैया पार होगी या विपक्ष की घेरेबंदी कामयाब होगी? इस सवाल के जवाब का सभी को इंतजार है. यूपी तक ने आगामी चुनावों को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ से बात की. यूपी तक को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में सीएम योगी ने विपक्ष की चुनौती, बीजेपी के वादों, ब्राह्मणों की नाराजगी, कुंभ आयोजन में कथित घोटाले के आरोपों और कोरोना वैक्सीनेशन जैसे ज्वलंत मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखा. आगे पढ़िए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का पूरा इंटरव्यू…

2017 के बीजेपी के घोषणापत्र में अयोध्या में राम मंदिर बनाने की बात थी. मंदिर निर्माण शुरू हो चुका है. पर घोषणापत्र (संकल्प पत्र) में और भी ढेर सारे वादे थे. जैसे युवाओं को लैपटॉप देने का वादा था? कानपुर, झांसी, इलाहाबाद जैसे शहरों में मेट्रो सेवा शुरू करने का वादा था?

500 वर्षों की मेहनत व संघर्ष के पश्चात अयोध्या में मंदिर का संकल्प मा. प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में पूरा हुआ है. इसके साथ-साथ हमारी सरकार ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में जनता से किए गए लगभग सभी वादों को पूरा कर लिया है. जहां तक छात्रों को लैपटॉप देने की बात है, तो बहुत जल्द हम इस वादे को भी पूरा करने जा रहे हैं. प्रदेश के स्नातक, परास्नातक, इंजीनियरिंग और डिप्लोमा के छात्रों को डिजिटल सक्षम बनाने के लिए उन्हें टैबलेट या मोबाइल सितंबर के आखिरी सप्ताह तक दे दिया जाएगा. साथ ही, छात्रों को मुफ्त इंटरनेट भी मुहैया कराने की तैयारी तेजी से की जा रही है. जहां तक मेट्रो निर्माण का सवाल है, तो प्रदेश में लखनऊ, गाजियाबाद व नोएडा में मेट्रो चल चुकी है. कानपुर और आगरा में मेट्रो के निर्माण का एक फेज पूरा हो रहा है. अन्य शहरों के डीपीआर तैयार हो चुके हैं. जल्द ही इन शहरों में मेट्रो चलने लगेगी.

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विपक्ष कुंभ के आयोजन में बड़े घोटाले का आरोप लगा रहा है. सीएजी रिपोर्ट का हवाला देकर कांग्रेस ने इसे यूपी का सबसे बड़ा घोटाला बता दिया है. आपने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति होने का दावा किया है, कुंभ में भ्रष्टाचार के आरोपों को आप कैसे देखते हैं?

वर्ष 2019 में प्रयागराज में आयोजित कुंभ को ‘दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ’ के रूप में अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली. यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया. 40 दिन के भव्य आयोजन में लगभग 24 करोड़ श्रद्धालुओं और पर्यटकों ने कुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाई. श्रद्धालुगण यहां की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हुए. यहां के इंतजाम, यहां की सुरक्षा और यहां की स्वच्छता ने उदाहरण प्रस्तुत किए. पूरी दुनिया ने कुंभ के आयोजन को लेकर सरकार की तारीफ की. उसपर विपक्ष का बिना तथ्यों के अनर्गल आरोप लगाना बेहद गलत है. विपक्ष शुरुआत से हिन्दू आस्था का घनघोर विरोधी है. इनकी ओर से हमेशा से हिन्दू मान्यताओं और आस्थाओं का विरोध किया गया है. इतिहास में प्रयागराज कुंभ सबसे सुरक्षित और स्वच्छ कुंभ रहा. इसके बावजूद मुट्ठी भर राजनीतिक विरोधी भाजपा की हिन्दू आस्था का अपमान कर रहे हैं. जहां तक विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों का सवाल है. तो सीएजी की रिपोर्ट एक सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है. इसका जवाब उचित फोरम में अधिकारियों द्वारा दिया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश कोरोना से जंग जीतने में अग्रणी रहा. देश में सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन भी कर चुका है पर अगर दोनों डोज वैक्सीन की बात करें, तो 25 अगस्त तक यूपी में एक करोड़ 3 लाख के करीब लोगों को दूसरी डोज लगी है. 18 से अधिक आयुवर्ग की आबादी में सेकंड डोज वैक्सीनेशन का प्रतिशत 7.5 फीसदी है. गुजरात के लिए यह 22 फीसदी है. महाराष्ट्र के लिए 16 फीसदी, पश्चिम बंगाल के लिए 14 फीसदी है. राष्ट्रीय औसत भी करीब 13 फीसदी है. यानी यूपी इन प्रदेशों से तो पीछे है ही, राष्ट्रीय औसत से भी काफी पीछे है. ऐसे में बड़ी आबादी को कोरोना से सुरक्षित रखने की क्या कार्य योजना है?

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कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने अन्य देशों और प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश के समक्ष भी चुनौती आई. यह सबने देखा कि कोरोना की दूसरी लहर को हमारी सरकार ने प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया. नीति आयोग, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अनेक संस्थाओं की ओर से सराहना मिली. देश में सर्वाधिक कोरोना टेस्ट के साथ साथ टीकाकरण में भी उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर रहा. हम लोग एक करोड़ से अधिक लोगों को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर चुके हैं और सात करोड़ से अधिक लोग एक डोज़ ले चुके हैं. यह लगातार चलने वाला क्रम है. जब तक प्रदेश के एक भी पात्र व्यक्ति को वैक्सीनेट नहीं कर दिया जाएगा, तब तक प्रदेश में वैक्सीनेशन जारी रहेगा. प्रदेशवासियों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. 24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं को युद्ध स्तर पर बढ़ाने के साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन और टेस्टिंग पर तेजी से काम किया जा रहा है. एक दिन में 30 लाख लोगों को टीका लगाकर देश में एक रिकॉर्ड भी कायम किया गया है. जैसे वैक्सीन उपलब्ध होती रहेगी वैसे-वैसे तेजी से टीका लगाया जाएगा. प्रयास है कि दिसंबर तक 90% से अधिक लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य पूरा हो.

2022 चुनाव में सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी हैं. आपको लगता है कि आपके नेतृत्व में 2017 का प्रदर्शन बीजेपी दोहरा पाएगी?

देखिए , हम सब देश के यशस्वी प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और पार्टी के नेतृत्व में सरकार के पारदर्शी और भेदभाव रहित जनकल्याणकारी कार्यों के बूते एक बार फिर जनता के बीच जाएंगे. हमने प्रदेश की 24 करोड़ जनता के हित में मत, पंथ और मजहब से परे होकर ‘सबका साथ, सबका विकास और सबके विश्वास’ की भावना से साढ़े चार सालों में जो जनसेवा की है, जनता फिर अपना आशीर्वाद देगी. इस बार उत्तर प्रदेश के चुनाव में भाजपा वर्ष 2017 के चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करेगी. हम 300 से अधिक सीटों पर विजय हासिल करेंगे. भाजपा कार्यकर्ता हर संकट में प्रदेश की जनता के साथ रहते हैं.

वह कौन सी बड़ी वजह जिससे आपको लगता है कि यूपी की जनता फिर से आपको सत्ता सौंपेगी?

भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में किए गए कार्य हैं. हमने संगठित अपराध और माफिया को पूरी तरह समाप्त करके कानून का राज स्थापित किया है. हमारी सरकार ने पिछली सरकारों में सत्ता के संरक्षण में फलने-फूलने वाले अपराधियों की 1500 करोड़ से अधिक संपत्ति ज़ब्त कर उनके आर्थिक साम्राज्य को तोड़ा है. अनेक दुर्दांत अपराधी मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं. आज अपराधी जमानत रद्द कराकर जेल जा रहे हैं. पहले उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध भ्रष्टाचार और निर्बाध बिजली के अभाव के चलते कोई यहां निवेश नहीं करता था. यही वजह है कि इज आफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश 14 वें पायदान पर था. आज देश की रैंकिंग में यह दूसरे स्थान पर है. हमारी सरकार की नीति भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की है. पिछले साढ़े चार साल में चार लाख सरकारी भर्तियां पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संपन्न कराकर नियुक्ति पत्र बांटे गए. किसी एक भर्ती पर कोई उंगली नहीं उठी. यह पारदर्शिता का एक जीवंत उदाहरण है, जबकि पिछली सरकारों में नियुक्तियां कैसे होती थीं, यह जगजाहिर है. इसी तरह हमारी सरकार ने किसान, मजदूर, गरीब, युवा और समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को शासन की योजनाओं से लाभान्वित किया. पिछले साढ़े चार साल के आंकड़ों को देखें, तो यह साफ हो जाएगा कि सरकार ने गेहूं, धान और गन्ने की रिकॉर्ड खरीद की. पैसा सीधे किसानों खाते में भेजा. वैश्विक महामारी के कालखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही आने वाले प्रवासी मजदूरों को निशुल्क उनके घरों तक न केवल सुरक्षित पहुंचाया बल्कि निशुल्क राशन की व्यवस्था की. साथ ही, उनकी स्किल मैपिंग कराकर रोजगार उपलब्ध कराया. प्रदेश में 4.00 लाख करोड़ से अधिक के निवेश उद्योगों में पिछले चार वर्षों में हुए हैं. MSME में 2 लाख करोड़ से अधिक ऋण बैंकों के माध्यम से वितरित कराकर 2 करोड़ से अधिक लोगों को उद्योग में रोजगार में लगाया गया है. प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन रही है. प्रति व्यक्ति आय भी पिछले 5 वर्षों में दोगुनी हुई है. प्रदेश में अवस्थापना सुविधाएं उच्चतम स्तर पर कराई जा रही हैं.

आज यूपी में भाजपा सरकार का असली विपक्ष कौन है, जो उसे चुनौती दे रहा है? सीधे कहें तो आप किसे चुनौती मानते हैं, सपा, बसपा या कांग्रेस?

मुद्दा विहीन कोई भी विपक्षी दल आज भाजपा से सीधी लड़ाई लड़ने की स्थिति में नहीं है. इन दलों के समक्ष अपने अस्तित्व को बचाने की चुनौती जरूर है. सपा, बसपा और कांग्रेस, सब जनता से दूरी बनाए रखने वाली पार्टियां हैं. कोरोना कालखंड में सपा, बसपा और कांग्रेस के नेता जनता के बीच जाने की बजाय ट्विटर तक सीमित रहे. जहां तक गठबंधन का सवाल है, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा -बसपा और 2017 के विधानसभा चुनाव मे सपा-कांग्रेस के गठबंधन को जनता ने नकार दिया था. इसलिए भाजपा किसी दल को चुनौती के रूप में नहीं मानती. भाजपा को अपनी सरकार द्वारा किए गए जनकल्याणकारी और जन विकास के कार्यों पर भरोसा है. उन्ही को लेकर प्रदेश की जनता के बीच जाएंगे. मुझे पूरा भरोसा है कि प्रदेश की जनता का आशीर्वाद पिछली बार की तरह मिलेगा.

इस बार अखिलेश यादव भी सोशल इंजीनियरिंग कर रहे हैं. आरएलडी, महान दल, चंद्रशेखर रावण जैसे लोगों को जोड़कर बड़ा गठबंधन बना रहे हैं. आपके लिए उनकी सोशल इंजीनियरिंग कितनी बड़ी चुनौती है?

पिछले दो चुनावों में अखिलेश यादव गठबंधन का फार्मूला आजमा चुके हैं. इस बार भी समाजवादी पार्टी के गठबंधन का यही हश्र होगा. प्रदेश की जनता इनकी कथनी और करनी का फर्क समझ चुकी है. भाजपा सरकार दलित, पिछड़े, अगड़े सहित समाज के सभी वर्गों का विकास समर्पित भाव से कर रही है. जनता अब किसी के बहकावे में नहीं आने वाली है. यूपी में अब सोशल इंजीनियरिंग का कोई फार्मूला सफल नहीं होने वाला है.

इस बार भाजपा किन मुद्दों के साथ मैदान में उतरने जा रही है. आप अपने सरकार के साढ़े चार साल से अधिक के कार्यकाल की ऐसी कौन सी चीजें गिनाना चाहेंगे, जिनसे आपको लगता है कि लोगों की रायशुमारी आपके पक्ष में जाएगी?

प्रदेश में किए गए विकास कार्यो को लेकर हम चुनाव मैदान में उतरेंगे. उत्तर प्रदेश में बीते साढ़े चार वर्षों में जनता की भलाई को लेकर जितना काम हुआ है, उतना बीते 70 सालों में नहीं हुआ. हमारी सरकार ने शहर से लेकर गांव तक में लोगों के जीवन को सुगम बनाने का काम किया. किसानों को खाद, बीज, बिजली पानी की कमी नहीं होने दी, तो शहरों में सड़क, पुल और फ्लाईओवर बनवाए. किसानों के कर्ज माफ़ किए, तो गन्ना, गेंहू और धान उत्पादक किसानों को उनसे की गई खरीद का भुगतान कराया. गांव-गांव में शौचालय और गरीबों के लिए आवास बनवाए. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे सहित चार एक्सप्रेस वे बनाए जा रहे हैं और गंगा एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य चल रहा है. वाराणसी में भी काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को नया रूप दिया जा रहा. चार लाख करोड़ रुपए का निवेश राज्य में हो रहा है. इसके जरिए लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा. बिना किसी विवाद के लाखों लोगों को सरकारी नौकरियां मिली हैं. सत्ता में आने के पहले हमने जो वादे जनता से किए थे, वह हमने पूरे किए हैं. सरकार के इन कार्यों के चलते हम फिर सत्ता में आएंगे.

यूपी में ब्राह्मणों की नाराजगी का मसला भी उठाया जा रहा है. बसपा, सपा, कांग्रेस सभी ब्राह्मण मतदाताओं को अपनी ओर खींचने के लिए सम्मेलन कर रही हैं. आपकी सरकार पर ब्राह्मण समुदाय को प्रताड़ित करने के आरोप लगाए जा रहे हैं. क्या आप इसे चुनौती के तौर पर देखते हैं? अगर हां, तो उससे निपटने के लिए आपकी रणनीति क्या होगी?

बीजेपी सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास के साथ लेकर आगे चल रही है. इसी सोच के आधार पर सरकार काम करती है. जाति के आधार पर बीजेपी राजनीति नहीं करती. हर जाति -वर्ग का बीजेपी सम्मान करती है. सरकार के कार्यों के बल पर हम जनता के बीच जाएंगे और हमें जनता का समर्थन मिलेगा. हमारा यह विश्वास है. विपक्ष जाति और धर्म के आधार पहले भी विभेद करता रहा है. अब भी इसी की रोटियां सेंक रहा है.

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