संसद में निरहुआ का पहला भाषण, शुरू में कहा- कुछ भूल हो तो माफ करें फिर की भोजपुरी वाली बात
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ (Dinesh Lal Yadav Nirhua) ने मंगलवार को लोकसभा में अपना पहला संबोधन दिया. अपने…
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उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव ‘निरहुआ’ (Dinesh Lal Yadav Nirhua) ने मंगलवार को लोकसभा में अपना पहला संबोधन दिया. अपने संबोधन के शुरुआत में बीजेपी सांसद ने कहा कि मैं पहली बार सदन में बोल रहा हूं, अगर मुझसे कुछ गलती हो जाए, तो उसके लिए आप सब लोग मुझे क्षमा कीजिएगा.
निरहुआ ने भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग करते हुए कहा,
“भाषा हमारे अस्तित्व का मोल है. हम अपनी भाषा में बेहतर तरीके से खुद को अभिव्यक्त कर पाते हैं. महात्मा गांधी जी ने भी मातृभाषा के प्रति कृतज्ञ होने की बात कही है. इसी भावना के साथ पिछले 5 दशक से करोड़ों भोजपुरी भाषी एक आस लगाए बैठे हैं कि भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा मिले. उसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाए.”
दिनेश लाल यादव
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उन्होंने कहा कि भोजपुरी का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है. कभी भाषा के भेद का पाठ पढ़ाकर, तो कभी नियमों की अस्पष्टता का हवला देकर भोजपुरी भाषियों की मांग पूरी नहीं होने दी गई.
बीजेपी सांसद ने कहा, “मॉरीशस की पहल पर यूनेस्को ने भोजपुरी संस्कृति के गीत को सांस्कृतिक विरासत का दर्जा दिया. लेकिन पहले की केंद्र सरकारों ने कभी कोई ठोस प्रयास नहीं किया. मोदी जी सरकार ने सकारात्मक पहल करते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भोजपुरी फिल्म समारोह का आयोजन किया, जिसके लिए मोदी जी का करोड़ों भोजपुरी भाषी धन्यवाद करते हैं.”
निरहुआ ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि भोजपुरी भाषा की ये लड़ाई साल 1967 से जारी है. साल 1960 में पहली बार इसके लिए बिल लाया गया, तब से अब तक संसद में इसे लेकर 18 प्राइवेट मेंबर बिल भी आ चुके हैं. कई आंदोलन भी हुए. 16 देशों में बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा की जड़ें हजारों साल पुरानी हैं. जिसको भारत से बाहर कई देश स्वीकार कर चुके हैं. जिसे यूनेस्को भी सम्मान दे रहा है.”
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