क्या ‘सन ऑफ मल्लाह’ की बीजेपी से हुई डील? निषाद वोटों पर क्या बोले मुकेश सहनी, जानें
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 18 सितंबर को प्रयागराज में आयोजित ‘यूपी तक बैठक’ में विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक…
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यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 18 सितंबर को प्रयागराज में आयोजित ‘यूपी तक बैठक’ में विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा. आगे पढ़िए उन्होंने क्या-क्या बातें कही.
मुकेश सहनी ने कहा, “आने वाले समय में यूपी में निषाद के बेटे को सीएम बनाएंगे.”
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यूपी में निषाद वोट बैंक कितना है? इसके जवाब में मुकेश सहनी ने कहा, “यूपी में 15 फीसदी हमारा वोटबैंक है. अलग-अलग जातियों के नाम से हमें जाना जाता है. इसीलिए हम जातिवार जनगणना की बात कर रहे हैं, ताकि सही आंकड़े सामने आएं.”
बिहार में आपको सिर्फ 11 सीटें मिलीं, यूपी में 160 सीटों का दावा कैसा? इसपर उन्होंने कहा, “यूपी में हमने 2016 में भी बड़ी रैलियां कीं. हमारी स्थिति लगातार बेहतर हो रही है. यूपी में हमारा नारा है कि आरक्षण नहीं तो गठबंधन नहीं और ये हम दिल्ली की सरकार के लिए कह रहे हैं.”
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क्या बीजेपी से दिल्ली से लेकर यूपी में कोई डील है? इसपर सहनी ने कहा, “यूपी को लेकर हमारी कोई डील नहीं हुई है. दिल्ली में हमारे अच्छे संबंध हैं. निषाद पार्टी को आरक्षण दिलाने के लिए हम लड़ाई लड़ रहे हैं. 2018 में इसी को देखते हुए हमने पार्टी बनाया और हमारी रणनीति सफल हुई है.”
गठबंधन के सवाल पर सहनी ने कहा, “चार पार्टी के साथ हमारा गठबंधन बिल्कुल भी नहीं होगा, जिसमें बीजेपी, एसपी, बीएसपी और कांग्रेस हैं. अगर केंद्र में (निषादों के लिए) आरक्षण लागू होता है तो निश्चित तौर पर हम बीजेपी की हर शर्त मानने को तैयार हैं.”
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संजय निषाद पर मुकेश सहनी ने बड़ा हमला किया. उन्होंने कहा, “संजय निषाद जी हमारे समाज के लोग हैं अभी उनका एक स्टिंग सामने आया जिसमें वो मुकेश सहनी को मार के भगा देने की बात कर रहा है, हमारे कार्यकर्ता को जला के मार देने की बात कर रहा है. खैर वो उनकी सोच है.”
आगे उन्होंने कहा, “कभी भी एक निषाद का बेटा यह नहीं का सकता है. आज पूरे देश प्रदेश में किसी निषाद के बेटे के साथ अन्याय होता है तो हमारा खून खौल जाता है, निषाद के बेटे के साथ क्या हो रहा है.”
सहनी ने कहा, “कुछ हमारे समाज के लोग खुद को समाज का लीडर कहते हैं, पॉलिटिकल गॉडफादर कहते हैं, लेकिन वो कहीं न कहीं निषाद के बेटे को मारने की बात करता है तो ऐसे लोगों के बारे में यूपी बिहार की जनता सोचे की किसके साथ जाना है.”
मुकेश सहनी को योगी आदित्यनाथ मजबूत लगते हैं, लेकिन अखिलेश यादव कमजोर लगते हैं. मायवती शांत बैठी हैं और प्रियंका गांधी को मैदान में उतरना चाहिए.
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