बाढ़ के कारण उत्तराखंड के डैम से नदियों में छोड़े गए पानी से भीगी धान की फसल को रामपुर में किसान नैनीताल नेशनल हाईवे पर सुखाने को मजबूर हैं. किसानों की प्रशासन से मांग है कि इन फसलों की खरीदारी में मंडी समिति की तरफ से नमी समेत अन्य बातों को लेकर उन्हें नियमों में कुछ छूट मिले. प्रशासन की ओर से किसानों की इस समस्या का हल निकाले जाने को लेकर मंथन शुरू हो चुका है. किसान हरमन ज्योत सिंह के मुताबिक, इस एरिया में जो धान कटने से रह गया था, उसमें 80 परसेंट डैमेज हो चुका है. एडीएम रामपुर वैभव शर्मा के मुताबिक, प्रथम दृष्टया लगता है कि किसानों के धान की काफी क्षति हुई है. बकौल एडीएम, क्षति का आकलन करने के लिए जिलाधिकारी के आदेश पर करीब 100 से अधिक टीमें लगाई गई हैं.