वाराणसी: महाश्मशान मणिकर्णिका घाट डूबा, नाव से शव ले जा रहे परिजन, ऐसे हो रही अंत्येष्टि

रोशन जायसवाल

वाराणसी में गंगा का जलस्तर भले ही स्थिर हो गया हो पर लगभग सारे घाट पानी में समा चुके हैं. महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर जहां…

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

वाराणसी में गंगा का जलस्तर भले ही स्थिर हो गया हो पर लगभग सारे घाट पानी में समा चुके हैं. महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर जहां शवों का तांता लगा रहता था वहीं वे सारी गलियां पानी में डूब चुकी हैं जो इन शव यात्राओं की गवाह बनती थीं. अब मोक्ष दिलाने के लिए परिजन नाव से शव लेकर जा रहे हैं. मणिकर्णिका घाट पर ही ऊंचे प्लेटफॉर्म पर बने शवदाह गृह में नावों की लाइन लगी हुई है. कुछ मजबूर लोग शव को पानी में छोड़ अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद लगभग डूबकर शवों को कंधा देते हुए चिता तक पहुंचाना पड़ रहा है.

अभी भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिसके चलते लोगों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वाराणसी में गंगा के सभी 84 घाट पहले ही डूब चुके हैं. अब गंगा सड़कों पर आ चुकी हैं.

जीते जी ताउम्र संघर्ष की जिंदगी और मौत के बाद भी मोक्ष के लिए जद्दोजहद. बाढ़ की विभीषिका ने इंसान की ऐसी परीक्षा शायद ही पहले कभी ली हो, जब वाराणसी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार के लिए तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ हों. गंगा का जलस्तर फिलहाल स्थिर चुका है, लेकिन अभी भी गंगा खतरे के निशान से 88 सेंटीमीटर ऊपर है. जिसके चलते महाश्मशान मणिकर्णिका घाट को पूरी तरह से डूबोकर गंगा गलियों में आ चुकी हैं.

यह भी पढ़ें...

महाश्मशान घाट के ऊपर बने प्लेटफार्म तक जाने के लिए शवयात्रियों को खुद तो गलियों में नाव पर सवार होना पड़ रहा है और साथ ही शवों को भी नाव पर ही रखकर बाढ़ के पानी को पार कराना पड़ रहा है. फिर प्लेटफार्म के नजदीक आने के बाद शव को लगभग डूबकर परिजन कंधा दे रहें है. इतनी दिक्कतों के बाद कहीं जाकर मोक्ष की कामना के साथ महाश्मशान पर चिता नसीब हो रही है.

सोनभद्र के राबर्ट्सगंज से आने वाले शवयात्री बताते हैं कि गंगा में आई बाढ़ के चलते शव को नाव पर रखकर पार कराना पड़ा है.लकड़ी भी नाव पर रखकर ले जाना पड़ा. 2-3 घंटे से इंतजार करना पड़ रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

वहीं वाराणसी के पांडेयपुर से आने वाले एक अन्य शवयात्री बताते हैं कि नाव पर शव को रखना पड़ा है और फिर कंधे तक पानी में डूबकर शव को ऊपर प्लेटफार्म तक ले जाना पड़ा है. इसके अलावा बाढ़ का फायदा उठाकर दुकानदार लूट भी मचाए हुए हैं. शमशान घाट पर भारी गंदगी भी है. गंगा किनारे गंदगी का अंबार भी हो गया है. सोनभद्र से आए एक अन्य शवयात्री भी बताते हैं कि उनको भी शव नाव पर रखकर ले जाना पड़ा था.

वाराणसी: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में भी घुसा गंगा का पानी, श्रद्धालुओं की आवाजाही पर लगी रोक

    follow whatsapp