यूपी चुनाव रिजल्ट: वाराणसी में योगी सरकार के मंत्री नीलकंठ तिवारी जीते
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान वाराणसी जिले की विधानसभा सीटों की काफी चर्चा रही. चर्चा की एक बड़ी वजह यह भी रही क्योंकि यहीं…
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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान वाराणसी जिले की विधानसभा सीटों की काफी चर्चा रही. चर्चा की एक बड़ी वजह यह भी रही क्योंकि यहीं से पीएम मोदी भी लोकसभा में चुनकर आते हैं. चुनाव पूर्व वाराणसी की कई विधानसभा सीटों को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं देखने को मिलीं. हालांकि नतीजों की घोषणा के साथ-साथ अब इन चर्चाओं पर विराम लग गया है और असल परिणाम सामने हैं. आपको बता दें कि वाराणसी में 8 विधानसभा सीटें हैं. इनमें वाराणसी दक्षिण, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी कैंट, रोहनिया, सेवापुरी, पिंडरा, शिवपुर और अजगरा विधानसभा सीटें शामिल हैं.
आइए आपको विस्तार से इन सभी 8 विधानसभा सीटों के रुझान और रिजल्ट बताते हैं.
योगी सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री और वाराणसी दक्षिण से बीजेपी प्रत्याशी नीलकंठ तिवारी चुनाव जीत गए हैं.
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वाराणसी दक्षिण: बीजेपी के डॉ. नीलकंठ तिवारी 99416 वोट पाकर जीत गए हैं, जबकि एसपी के कामेश्वर उर्फ किशन दीक्षित 88697 वोट पाकर हार गए.
वाराणसी उत्तरी: बीजेपी के रविंद्र जायसवाल 111106 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं, जबकि एसपी के अशफाक 50954 वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं.
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वाराणसी कैंट: बीजेपी के सौरभ श्रीवास्तव 73735 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं. जबकि एसपी की पूजा यादव 30049 वोटों के साथ पीछे चल रही हैं.
रोहनिया: अपना दल (एस) के सुनील लाल पटेल 38600 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं, जबकि अपना दल (कमेरावादी) के अभय पटेल 28589 वोटों के साथ पीछे चल रहे हैं.
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सेवापुरी: बीजेपी के नील रतन सिंह 78919 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं, जबकि एसपी के सुरेंद्र सिंह पटेल 60834 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं.
पिंडरा: बीजेपी के अवधेश कुमार सिंह 65074 वोटों के साथ जीत गए हैं, जबकि बीएसपी के बाबूलाल 39675 वोटों के साथ हार गए.
शिवपुर: बीजेपी के अनिल राजभर 80130 वोटों के साथ जीत गए हैं, जबकि एसबीएसपी के अरविंद राजभर 54834 वोटों के साथ हार गए.
अजगरा: बीजेपी के त्रिभुवन राम 61,776 वोटों के साथ जीत गए, जबकि एसपी के सुनील सोनकर 48, 901 वोटों पाकर हार गए.
2017 और 2012 के चुनावों में वाराणसी की राजनीतिक तस्वीर कुछ ऐसी थी
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वाराणसी दक्षिणी विधानसभा
2017 में बीजेपी ने सात बार से विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी का चुनाव में टिकट काटकर ब्राह्मण चेहरे नीलकंठ तिवारी को टिकट दिया था. नीलकंठ तिवारी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व सांसद डॉ. राजेश मिश्र को 17,226 वोटों से हराया था. बीएसपी के राकेश त्रिपाठी 5,922 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे.
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वाराणसी उत्तरी विधानसभा
बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में वाराणसी उत्तरी से एक बार फिर रविंद्र जायसवाल पर भरोसा जताया था. रविंद्र जायसवाल दूसरी बार विधायक चुने गए थे. उन्होंने कांग्रेस के अब्दुल समद अंसारी को 45,5502 वोटों से हराया था. रविंद्र जायसवाल को 1 लाख 16 हजार 17 वोट मिले थे. बीएसपी प्रत्याशी सुजीत कुमार मौर्य को 32, 574 वोट मिले थे, वह तीसरे नंबर पर थे.
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वाराणसी कैंट विधानसभा
वाराणसी कैंट कायस्थ बहुल विधानसभा है. यहां पिछले 30 सालों से एक ही परिवार का कब्जा है. 1991 से लेकर अब तक श्रीवास्तव परिवार का ही कब्जा है. 1991 में पहली बार बीजेपी से ज्योत्सना श्रीवास्तव को जीत हासिल हुई थीं. 1993 चुनाव में भी वह अपनी सीट बचा पाने में सफल रहीं.
1996 में उनके पति हरिश्चचंद्र श्रीवास्तव ने इस सीट से जीत का झंडा फहराया. वह 2002 में भी इस सीट से विधायक चुने गए. 2007 और 2012 में फिर ज्योत्सना श्रीवास्तव चुनाव लड़ी और जीत हासिल कीं.
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनके बेटे सौरभ श्रीवास्तव को टिकट देकर इसी सीट से चुनावी मैदान में उतारा. सौरभ श्रीवास्तव ने कांग्रेस के अनिल श्रीवास्तव को 61, 326 वोटों से हराकर जीत का परचम लहराया. कांग्रेस प्रत्याशी अनिल श्रीवास्तव को 71, 283 वोट मिले थे, जबकि बीएसपी के रिजवान अहमद को 14, 118 वोट मिले थे.
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रोहनिया विधानसभा
रोहनिया सीट पर 2017 के विधानसभा चुनाव में दिलचस्प मुकाबला हुआ था. इस सीट से अपना दल के दो गुट आमने-सामने थे. मिर्जापुर की सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाली अपना दल (एस) ने बीजेपी को समर्थन दिया था. यहां से अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल खुद चुनाव मैदान में थीं, जबकि बीजेपी से सुरेंद्र नारायण सिंह चुनाव लड़े थे. चुनाव के नतीजों में सुरेंद्र नारायण सिंह को जीत हासिल हुई थी. उन्होंने एसपी के प्रत्याशी महेंद्र सिंह नारायण को 57, 553 वोटों से हराया था. बीएसपी प्रत्याशी प्रमोद कुमार सिंह तीसरे नंबर पर थे.
दरअसल, इस सीट से यूपी विधानसभा चुनाव 2012 में अपना दल की अनुप्रिया पटेल जीती थीं. लोकसभा चुनाव 2014 में मिर्जापुर से सांसद बनने के बाद उन्होंने रोहनिया सीट छोड़ दी थी. उपचुनाव में एसपी के महेंद्र पटेल जीत गए. 2016 में परिवारिक लड़ाई के चलते पार्टी में टूट हो गई. अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां से अलग होकर अपना दल (सोनेलाल) बना लिया. फिर बीजेपी से गठबंधन करके मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनीं.
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सेवापुरी विधानसभा
यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में सेवापुरी से बीजेपी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने नीलरत्न पटेल नीलू को टिकट दिया था. नीलरत्न पटेल ने एसपी के दिग्गज नेता व राज्य मंत्री रहे सुरेंद्र सिंह पटेल को 49,182 वोटों से हराया था. बीएसपी के महेंद्र कुमार पांडेय को 35, 657 वोट मिले थे, वो तीसरे नंबर पर थे.
2012 के विधानसभा चुनाव में एसपी के सुरेंद्र सिंह पटेल ने अपना दल के नीलरत्न पटेल को हराया था. सुरेंद्र सिंह पटेल को 56, 849 वोट मिले थे जबकि नीलरत्न पटेल को 36, 942 वोट मिले थे.
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पिंडरा विधानसभा
पिंडरा विधानसभा से पांच बार से विधायक रहे अजय राय को 2017 के विधानसभा चुनाव में हार का ही नहीं सामना करना पड़ा था, बल्कि वह तीसरे स्थान पर पहुंच गए थे. बीजेपी प्रत्याशी डॉ. अवधेश सिंह ने बीएसपी के बाबूलाल पटेल को 36, 849 वोटों से हराया था. कांग्रेस के अजय राय 48, 189 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर अजय राय ने बीएसपी प्रत्याशी जय प्रकाश को 9,218 वोटों से हराया था.
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शिवपुर विधानसभा
शिवपुर से बीजेपी के अनिल राजभर ने एसपी के आनंद मोहन को 54,259 वोटों से हराया था. अनिल राजभर ने 1 लाख 10 हजार 453 वोटों के साथ जीत का परचम लहराया था. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आनंद मोहन को 56 हजार 194 वोट मिले थे जबकि बीएसपी के विरेंद्र सिंह 46 हजार 657 वोट पाकर तीसरे नंबर पर थे.
अनिल राजभर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. अनिल राजभर के पिता रामजीत राजभर बीजेपी से विधायक थे. अनिल राजभर 1994 में चंदौली स्थित सकलडीहा पीजी कॉलेज से छात्रसंघ अध्यक्ष चुने गए थे. छात्र राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में आने वाले अनिल राजभर 2003 में अपने पिता के निधन के बाद उपचुनाव लड़े थे, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे और भारी मतों से जीत का परचम लहराया.
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अजगरा विधानसभा
अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट अजगरा से बीजेपी गठबंधन की सुभासपा (बीजेपी और सुभासपा अभी नहीं गठबंधन में नहीं है) के कैलाश नाथ सोनकर ने एसपी के लालजी सोनकर को 21 हजार 349 वोटों से हराया था, जबकि सिटिंग विधायक व बीएसपी प्रत्याशी टी राम को 52 हजार 480 वोट मिले थे, वह तीसरे नंबर पर थे. 2012 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी त्रिभुवन राम ने एसपी के लालजी को हराकर जीत हासिल की थी. लालजी को 58 हजार 156 वोट मिले थे जबकि बीजेपी के हरिनाथ 22 हजार 855 वोट पाकर तीसरे स्थान पर थे.
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