ज्ञानवापी विवाद की सुनवाई कर रहे SC के ये दो न्यायाधीश अयोध्या मामले का भी रहे थे हिस्सा

भाषा

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वाराणसी में ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही उच्चतम न्यायालय की पीठ के दो न्यायाधीश इसी तरह के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मुकदमे से भी जुड़े रहे थे.

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को वाराणसी के जिलाधिकारी को ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जहां सर्वेक्षण के दौरान शिवलिंग मिलने की बात कही गई है. साथ ही, शीर्ष न्यायालय ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां नमाज अदा करने और धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति दे दी.

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का कामकाज देखने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया और निचली अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ दूसरी बार मंदिर-मस्जिद विवाद से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे हैं. वह तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की उस संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया था.

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वहीं, न्यायमूर्ति नरसिम्हा, शीर्ष अदालत के न्यायाधीश बनने से पहले, एक वरिष्ठ वकील के रूप में अयोध्या मामले से जुड़े थे. वह अयोध्या मामले में हिंदू पक्ष की ओर से पेश हुए थे.

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