काशी विश्वनाथ कॉरिडोर: उद्घाटन के निमंत्रण पत्र पर मुगल आक्रांताओं का जिक्र, जानें वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण से पहले इसका निमंत्रण पत्र गणमान्य लोगों में बंटना शुरू हो चुका है. बता…
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण से पहले इसका निमंत्रण पत्र गणमान्य लोगों में बंटना शुरू हो चुका है.
बता दें कि इन दिनों निमंत्रण पत्र चर्चा का केंद्र बना हुआ है, क्योंकि इस पर लिखा गया है कि ‘मुगल आक्रांताओं’ ने विश्वनाथ मंदिर को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद लगभग 200 साल पहले इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने इसका जीर्णोद्धार कराया और फिर आगे चलकर महाराजा रणजीत सिंह ने इसके शिखर को स्वर्ण मंडित कराया.
मालूम हो कि विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के ‘महाआयोजन’ में देश भर से 3000 गणमान्य लोग मौजूद होंगे, जिनमें 500 संत-महात्मा भी शामिल हैं.
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वर्षों की ‘मेहनत’ और सैकड़ों करोड़ रुपयों की लागत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर अब मूर्त रूप ले चुका है और आगामी 13 दिसंबर को खुद पीएम मोदी अपने हाथों इसका लोकार्पण करेंगे.
निमंत्रण पत्र पर क्या लिखा है?
निमंत्रण पत्र पर लिखा है, “वाराणसी भगवान शिव की नगरी के रूप में पूरे जग में विख्यात है. इसे सामान्य श्रद्धालु काशी के रूप में भी जानते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव आज भी साक्षात काशी में विराजमान हैं. यहां मोक्षदावनी मां गंगा के दर्शन भी सुलभ हैं. सनातन हिंदू धर्म के केंद्र के रूप में और बौद्ध और जैन पंथों के सिद्धों के साथ-साथ संतों, योगियों और कालांतर में शिक्षावादियों ने अपनी साधना और सिद्धि का केंद्र वाराणसी को बनाया है. काशी में विराजमान बाबा विश्वनाथ का ज्योर्तिलिंग द्वादश ज्योर्तिलिंग में प्रमुख स्थान पर है. मध्यकाल में ‘मुगल आक्रांताओं’ ने इस पावन स्थल को भारी क्षति पहुंचाई थी.”
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कार्ड में आगे लिखा है, “सन 1777-78 ई. में महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इस मंदिर परिसर का पुर्ननिर्माण कराया था और कालांतर में 19वीं सदी में महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर पर स्वर्ण शिखर लगवाया था. लगभग 200 वर्षों के बाद भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री जो संसद में काशी का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनके द्वारा काशी की पुरातन आत्मा को संरक्षित रखते हुए नए कलेवर में श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर के नवनिर्माण को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया है.”
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इसके अलावा निमंत्रण कार्ड में लिखा है, “नवीन श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर उन्हीं परिकल्पनाओं का मूर्त रूप है. हमें यह बताते हुए हार्दिक प्रसन्नता की अनुभूति हो रही है कि श्री काशी विश्वनाथ धाम का शुभ लोकार्पण कार्यक्रम माननीय प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से पूज्य संतों और धर्माचार्यों की उपस्थिति में दिनांक 13 दिसंबर, 2021 (विक्रम संवत् 2078 मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष दशमी तिथि) को होने जा रहा है. इस शुभ अवसर पर आपकी गरिमामयी उपस्थिति प्रार्थनीय है, कृपया पधारकर अनुगृहीत करने का कष्ट करें.”
निमंत्रण कार्ड मिलने के बाद स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती ने कहा,
“इस निमंत्रण पत्र के मिलने के बाद मैं स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं, क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास का भी साक्षी रहा और अब काशी विश्वनाथ मंदिर के लोकार्पण का भी साक्षी बनने का सुअवसर मिल रहा है.”
स्वामी जितेंद्रनंद सरस्वती
आपको बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद 14 दिसंबर 2021 से 13 जनवरी 2022 तक वाराणसी में ‘चलो काशी’ नाम से एक महोत्सव भी मनाया जाएगा.
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