नोएडा पुलिस को पेट्रोलिंग के लिए मिली 58 स्कूटी लापता, RTI में हुआ ये बड़ा खुलासा

मनीष चौरसिया

Noida News: उत्तर प्रदेश के नोएडा से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां साल 2020 में स्वयं सिद्ध स्कीम के तहत महिला पुलिस को…

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Noida News: उत्तर प्रदेश के नोएडा से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां साल 2020 में स्वयं सिद्ध स्कीम के तहत महिला पुलिस को 100 स्कूटी मिली थीं. इनसे पुलिस को पेट्रोलिंग करनी थी. मगर इनमें से 58 स्कूटी गुम हैं. तत्कालीन कमिश्नर आलोक सिंह ने स्कूटी को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया था. अब साल 2023 में एक RTI से खुलासा हुआ है कि नोएडा पुलिस के पास फिलहाल सिर्फ 42 स्कूटी हैं, बाकी कहां गईं, कुछ भी पता नहीं है.

नोएडा पुलिस को मिली 58 स्कूटी लापता

2023 में एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि नोएडा पुलिस के पास फिलहाल सिर्फ 42 स्कूटी हैं, बाकी की स्कूटी कहां गई पता नहीं. यह आरटीआई नोएडा के समाजसेवी एवं अधिवक्ता रंजन तोमर ने लगाई थी. रंजन तोमर ने बताया कि, ‘पुलिस और मीडिया के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार कुल 100 ऐसी स्कूटी को पूरे शहर में महिला सुरक्षा हेतु लगाया गया था, जो की कॉलेज,मॉल,मेट्रो स्टेशन,मार्केट और जहाँ भी महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. वहां पेट्रोलिंग के लिए लगाई जानी थी. लेकिन कभी देखकर ऐसा लगा ही नहीं कि पुलिस 100 स्कूटी का इस्तेमाल कर रही है इसलिए मैंने आरटीआई लगाई.’

RTI  में कमिश्नरेट ने किया ये खुलासा

रंजन तोमर ने बताया कि, ‘कुल 100 स्कूटियों की तो छोड़िये , शहर में मात्र 3 साल में 58 स्कूटी का कोई अता पता ही नहीं है. आरटीआई में कमिश्नरेट स्वयं कहता है कि कुल 42 स्कूटी स्वयं सिद्ध योजना के तहत शहर में चल रही हैं. जहां तक बात है अन्य स्कूटी की तो उसकी कोई जानकारी पुलिस ने नहीं दी.’ आरटीआई में ये भी पूछा गया कि क्या इन 100 स्कूटी के बाद भी अन्य कोई स्कूटी स्वयं सिद्ध योजना के तहत बढ़ाई गई , इसके जवाब में भी पुलिस कहती है की इसके अलावा कोई नयी स्कूटी नहीं बढ़ाई गई.

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उठे ये सवाल

आरटीआई दाखिल करने वाले रंजन तोमर सवाल उठते हैं की मात्र 3 वर्षों में 58 वाहन कहां चले गए? क्या महिलाओं के प्रति अपराधों में इतनी कमी आ गई है कि बची हुई 58 स्कूटियों की अब ज़रूरत ही नहीं? सवाल यह भी है कि स्कूटी आखिर गईं तो गईं कहां? खराब हो गईं? या यूं ही कहीं धूल फांक रही हैं? क्या उनका उचित या अलग उपयोग नहीं किया जा सकता? इन सवालों का जवाब पुलिस को देना चाहिए.

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