बहराइच: घाघरा-सरयू ने बरपाया कहर, खतरे के निशान के पार नदियां, पानी से घिरे कई गांव

राम बरन चौधरी

उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich News) जिले में पिछले तीन दिनों के दौरान हुई भारी बारिश से घाघरा और सरयू नदी के तटवर्ती इलाकों में…

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उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich News) जिले में पिछले तीन दिनों के दौरान हुई भारी बारिश से घाघरा और सरयू नदी के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं. वहीं बीते 48 घंटों के दौरान विभिन्न बैराजों से 448083 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जिले की मुख्य नदी घाघरा और सरयू उफान पर हैं और खतरे के निशान से 70 सेमी. ऊपर बह रही हैं. इसके चलते बहराइच जिले के 90 से अधिक गांव पानी से घिर गए हैं, जबकि कुछ की स्थिति टापू जैसी बन गई है.

चार तहसीलों- महसी, कैसरगंज, नानपारा और मोतीपुर में बाढ़ प्रभावित चौकियों को सतर्क किया गया है. तिकुनिया खैरटिया स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर पानी आने के बाद गोंडा मैलानी के बीच चलने वाली ट्रेन भी प्रभावित हुई है.

मोतीपुर तहसील के अंतर्गत बिछिया क्षेत्र के 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, तो इसी तहसील के अंतर्गत घाघरा और सरयू नदी के उफान पर आने के बाद लगभग 20 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ चुका है.

वहीं नानपारा तहसील क्षेत्र के शिवपुर इलाके में भी घाघरा और सरयू नदी में जलस्तर बढ़ने से 20 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि महसी तहसील क्षेत्र के अंतर्गत बौंडी इलाके के 30 गांव जलमग्न हैं. इसके अतिरिक्त नानपारा तहसील क्षेत्र के मंझारा तौकली और ग्यारह सौ रेती समेत एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं.

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वहीं महसी तहसील के बंटा पुरवा, जोगा शुक्लन पुरवा सहित कई गांवों के लोग गांव में आए बाढ़ के पानी के चलते नाव पर सामान लादकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं. बंटा पुरवा के बाढ़ पीड़ित राजाराम कहते हैं कि जब पहाड़ी नदियों का पानी घाघरा में छोड़ा जाता है तो उनके गांव जलमग्न हो जाते हैं, जिसके चलते उनके पास सिर्फ बांध एक मात्र सहारा बनता है.

जोगापुरवा के अयोध्या प्रसाद ने बताया कि गांव में बाढ़ का पानी है, स्थिति ठीक नहीं है. अब छोटे बच्चों को बचाने की कोशिश है कि कहीं कोई घटना न हो जाए. सरकारी मदद को नकारते हुए उनका कहना है कि उन्हें किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली है.

जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर व्यापक तैयारियों के दावे किए जा रहे हैं. जिलाधिकारी डॉ दिनेश चंद्र सिंह ने फोन पर बताया कि जिले में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है. नदी से सटे हुए इलाकों में पानी पहुंचा है, जिसके लिए बाद चौकियों को सतर्क किया गया है.

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