देवरिया हत्याकांड में बड़ा फैसला, प्रेमचंद यादव के अवैध कब्‍जे पर चलेगा बुलडोजर!

राम प्रताप सिंह

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के देवरिया (Deoria News) में पिछले साल जमीन विवाद को लेकर हुई 6 लोगों की हत्‍या के मामले में आरोपी पक्ष को तगड़ा झटका लगा है. अवैध कब्जे के मामले में DM कोर्ट ने रुद्रपुर तहसीलदार के आदेश को बरकरार रखते हुए अपील को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि तहसीलदार न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप किया जाना विधि की मंशा के विपरीत है. इसके साथ ही अब आशंका जताई जा रही है की मृतक प्रेमचंद और उनके करीबियों के मकान पर जो सरकारी जमीनों पर अवैध तरीके से बनाया गया है बुलडोजर की कार्रवाई हो सकती है.

हत्याकांड में गई थी 6 लोगों की जान

गौरतलब है कि पिछले साल दो अक्टूबर को फतेहपुर के ग्राम लेड़हा टोला में जमीनी विवाद में भीषण नरसंहार हुआ था. जिसमें एक पक्ष के पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की हत्या हुई थी. वहीं दूसरे पक्ष के सत्य प्रकाश दुबे समेत उनके परिवार के 5 सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. कुल 6 जाने गयी थी, प्रेम चंद यादव द्वारा सत्यप्रकाश दुबे के भाई ज्ञान प्रकाश दुबे की जमीन को अवैध तरीके से बैनामा कराया था. इसी को लेकर दोनों पक्षो में विवाद चल रहा था और 2 अक्टूबर को इस विवाद के चलते यह बड़ा हत्याकांड हुआ था. इसमें सत्य प्रकाश दुबे की बेटी शोभिता की तहरीर पर मृतक प्रेमचंद यादव समेत 27 लोगों को नामज़द किया गया था. इसमें लगभग सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज चुका है.

खारिज हुआ मामला

आपको बता दें कि इसमें डीएम के आदेश पर 4 अक्टूबर को एसडीएम न्यायिक सीमा पांडे के नेतृत्व में राजस्व टीम ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद के यादव के घर के आसपास की जमीनों की पैमाइश कराई थी. जिसमें खलिहान की जमीन नवीन प्रति की जमीन और स्कूल की जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा पाया गया. इसके बाद रुद्रपुर तहसीलदार कोर्ट में वाद दाखिल किया गया. जिसमें प्रेमचंद के पिता रामभुवन,गोरख और परमहंस को नोटिस जारी की गई. आपत्ति आने पर 9 तारीख को फिर दुबारा पैमाइश हुई थी. इसके बाद 11 अक्टूबर को बेदखली का आदेश सुनाया गया था.

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डीएम ने सुनाया फैसला

30 अक्टूबर को राम भूवन की बहू प्रेमचंद की पत्नी प्रेमशिला,गोरख की पत्नी विमला व परमहंस की पत्नी गुलाबपति द्वारा डीएम के कोर्ट में अपील की गयी. इस मामले में ठीक 2 महीने बाद 30 दिसंबर को DM अखंड प्रताप सिंह ने अपना फैसला सुनाया है. आदेश में कहा गया कि तहसीलदार न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप किया जाना अनुचित व विधि की मंशा के विपरीत है. इसलिए अपील खारिज की जाती है.

सरकारी पैमाइश में निकली ये बात

आपको बता दें कि मृतक सत्य प्रकाश दुबे ने पूर्व में तहसील प्रशासन में शिकायत की थी कि मृतक प्रेमचंद यादव ने सरकारी जमीनों पर अवैध तरीके से कब्जा किया है. एक आलीशान कोठी भी खड़ी की है. जिसको लेकर भीषण नरसंहार के बाद जमीन की पैमाइश कराई गई. मृतक प्रेमचंद यादव द्वारा सरकारी भूमि पर कब्जा करना पाया गया. जिसके बाद तहसीलदार कोर्ट में मुकदमा चला था. जिसमे इन्हें बेदखली का आदेश जारी हुआ था. जिसके बाद मृतक प्रेम चंद यादव का परिवार हाईकोर्ट पहुच गया, जहां इन्हें 14 दिन का स्टे मिलने के साथ डीएम को डायरेक्शन दिया कि तीन महीने के अंदर इसमे निर्णय दें.

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हो सकती है बुलडोजर की कार्रवाई

जिसके बाद परिवार द्वारा डीएम कोर्ट में अपील किया गया जिसकी सुनवाई लगातार की जा रही थी. अब इसमें डीएम कोर्ट ने पूर्व तहसीलदार के फैसले को ही सही मानते हुए अपील को खारिज लर दिया है. यानी खलिहान की जमीन,नवीन परतीं भूमि वन भूमि व स्कूल की भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा किया गया. इसमे अब बेदखली की नोटिस जारी होगी और जल्द ही इन्हें सरकारी जमीन ने कब्जा हटाने को निर्देश देगी अन्यथा इन्हें जबरन खाली कराया जाएगा.

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