शव कंधे पर ले जाने के मामले में सामने आया पुलिस का अमानवीय चेहरा, डिप्टी CM ने कही ये बात
प्रयागराज पुलिस का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां 10 साल के बेटे की मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने पर पिता ने कंधे…
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प्रयागराज पुलिस का एक अमानवीय चेहरा सामने आया है. यहां 10 साल के बेटे की मौत के बाद एंबुलेंस नहीं मिलने पर पिता ने कंधे पर लादकर 25 किमी दूर घर गया. पीछे-पीछे मां बेसुध होकर दौड़ती रही. कलेजा कंपा देने वाला ये वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने जांच कमेटी बना दी थी. जांच कमेटी की रिपोर्ट में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. संवेदहीनता की सारी सीमाएं तोड़ते हुए पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए माता-पिता नौटंकी कर रहे थे.
बताया जा रहा है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता से फोन पर की गई बातचीत में पुलिस इंस्पेक्टर ने टीकाराम ने संवेदनहीनता दिखाई और कहा कि सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए मां-बाप ने ड्रामा किया था. करछना पुलिस इंस्पेक्टर का ये ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया था. इधर एसएसपी शैलेश कुमार पांडे ने मजबूर माता-पिता का मजाक उड़ाने वाले इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया है. टीकाराम की जगह विश्वजीत को करछना थाने का चार्ज दिया गया है. एसएसपी शैलेश पांडे ने पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड किए जाने की पुष्टि की है.
मामले में डिप्टी सीएम ने कहा- पुलिस की लापरवाही है
मामले में प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा- ‘कल जैसे ही जानकारी मिली पूरे प्रकरण में हमने जांच के लिए कमेटी बना दी थी. जांच में ये सामने आया कि स्थानीय पुलिस के कर्मचारी अधिकारी जिनकी ड्यूटी थी उन्होंने लापरवाही की है. चूंकि ये बिजली करंट से मौत का मामला था, पोस्टमार्टम होना जरूरी था, लेकिन पुलिस पोस्टमार्टम के लिए गई और पोस्टमार्टम हाउस के बाहर छोड़ कर चले गए. तथ्यात्मक रिपोर्ट आ गयी है. जिलाधिकारी ने एसएसपी को रिपोर्ट सौंप दी है.उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ पीड़ितों के साथ खड़ी है. आज ही सीएमओ को सर्कुलर जारी किया कि ऐसी स्थिति न आए.किसी भी मरीज के परिजन को ऐसे वापस न होना पड़े. शव वाहन और एंबुलेंस की कोई कमी नहीं है. ये मामला पुलिस की लापरवाही का है. डॉक्टरों से हाथ जोड़कर विनती है कि मरीजों की सेवा करें.’
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ये है मामला
एक लाचार पिता अपने बेटे का इलाज कराने के लिए पहुंचा था. मगर इलाज के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई. लाख मिन्नतें करने के बाद भी जब अस्पताल प्रशासन की ओर से एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कराई गई, तो गरीब और लाचार पिता के पास अपने बेटे के शव को कंधे पर लादने के अलावा कोई और विकल्प नहीं नजर आया.
25 किमी तक पैदल चला
बेटे की मौत के बाद पैसे के अभाव में लाचार पिता अपने बेटे के शव को कंधे पर लादकर घर के लिए निकल गया. हैरानी की बात है कि लाचार पिता एसआरएन अस्पताल से करछना थाना क्षेत्र के डीहा गांव तक बेटे के शव को कंधे पर ही लेकर गया और इस दौरान उसने 25 किलोमीटर का सफर तय किया. बीच में बारिश हुई और वो भीगते हुए गया. इस दौरान कंधे पर बच्चे की लाश लेकर जाते पिता का कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया, जो वायरल हो गया.
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पीड़ित परिवार को मिलेंगे 5 लाख
डीएम संजय खत्री ने इस मामले में पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराए जाने की बात कही है. परिवार वालों का कहना है कि घर में खाने के लिए अनाज भी नहीं था तो शव वाहन के लिए बत्तीस सौ रूपये कैसे देते?
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किया ट्वीट
अखिलेश यादव ने बारिश में भीगते पिता और कंधे पर शव का वीडियो ट्वीट कर लिखा- ‘न सुविधायें न इलाज है, यही भाजपा 2.0 का राज है!’
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यहां देखिए वो वायाल वीडियो…
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