लेटेस्ट न्यूज़

सपा मीडिया सेल ने जाम में गर्भवती महिला की मौत का लगाया आरोप, प्रयागराज पुलिस ने इसे बताया- 'भ्रामक'

यूपी तक

प्रयागराज में गर्भवती महिला की मौत पर सियासत. सपा मीडिया सेल ने ने शास्त्री पुल पर जाम को मौत की वजह बताकर भाजपा सरकार को घेरा, तो प्रयागराज पुलिस ने आरोपों को भ्रामक बताया.

ADVERTISEMENT

Prayagraj News
Prayagraj News
social share
google news

Prayagraj News: प्रयागराज में एक गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे की मौत पर सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने इस दुखद घटना के लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार और ट्रैफिक पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है. सपा का आरोप है कि शास्त्री पुल पर लगे जाम में फंसने के कारण महिला की मौत हुई. वहीं, प्रयागराज पुलिस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे भ्रामक बताया है.  पुलिस ने अपनी शुरुआती जांच के आधार पर एक विस्तृत बयान जारी कर पूरी घटना का एक अलग ही पहलू सामने रखा है. 

सपा मीडिया सेल का आरोप- जाम और वसूली ले रही जान

समाजवादी पार्टी मीडिया सेल ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर एक अखबार की कटिंग शेयर करते हुए लिखा, "चारों तरफ जाम, अतिक्रमण और अनियंत्रित ट्रैफिक के कारण अक्सर मरीजों की जान चली जा रही है और इसकी जिम्मेदार नकारा, निकम्मी तथा स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को धोखा देने वाली भाजपा की सरकार है." सपा ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक पुलिस सिर्फ चालान और वसूली में लगी रहती है, जिसके कारण जाम की समस्या विकराल हो गई है. पार्टी ने इस मौत के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है. 

प्रयागराज पुलिस ने बताई दूसरी कहानी

सपा मीडिया सेल के आरोपों के जवाब में प्रयागराज पुलिस ने पूरी घटना की क्रोनोलॉजी जारी करते हुए जाम में मौत की बात को भ्रामक बताया है. पुलिस के अनुसार, मरीज को उसके परिवार वाले 28 अक्टूबर की सुबह 10 बजे सीएचसी बनी ले गए थे. वहां मरीज की हालत गंभीर देखते हुए उसे सुबह 8:15 बजे ही एसआरएन अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया था. 

यह भी पढ़ें...

पुलिस का दावा है कि परिवार वाले मरीज को एसआरएन ले जाने के बजाय पहले अमर मेमोरियल हॉस्पिटल ले गए जहां ऑक्सीजन लेवल मात्र 27% और गर्भस्थ शिशु की धड़कन शून्य पाई गई. वहां से भी हायर सेंटर रेफर करने के बावजूद परिवार वाले मरीज को संगम हॉस्पिटल त्रिवेणीपुरम ले गए जहां रात 9:26 पर उसका ओपीडी पर्चा बना. डॉक्टर के अनुसार, मरीज की हालत बेहद नाजुक थी, ब्लड प्रेशर नहीं मिल रहा था और उसका यूट्रस रप्चर हो चुका था. डॉक्टर ने बताया कि मरीज की मौत 5-10 मिनट के अंदर हो सकती थी. 

पुलिस ने बयान में आगे कहा, "पेशेंट के परिवारजन संगम हॉस्पिटल से लेकर कुछ ही दूर चले थे कि उन्होंने देखा की पेशेंट की सांसें थम गई हैं और उसकी मृत्यु हो गयी है... पीड़िता को ले जा रहे वाहन के जाम में फंसे होने की पुष्टि प्राथमिक जांच से नहीं हुई है." इसके बाद परिवार वालों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस ने अपनी जांच में जाम में फंसकर मौत होने की बात को खारिज कर दिया है. 

    follow whatsapp