प्रयागराज का ऐसा गांव जहां मुस्लिम बनाते हैं मां की चुनरी, नवरात्रि में बढ़ जाती है मांग

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शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है. सोमवार से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. इस दिन से नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ शक्ति रूपों की पूजा की जाएगी. मान्यता है कि इस दौरान कुछ उपायों को करने से माता रानी अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करती हैं. देवी मां की चुनरी चढ़ाना भी शुभ माना जाता है. देवी मां के भक्त बहुत श्रद्धा भाव से चुनरी चढ़ते हैं.

प्रयागराज शहर से 50 किलोमीटर की दूरी पर एक ऐसा गांव है, जहां 50 से अधिक मुस्लिम परिवार मां की चुनरी और कलावा बनाते हैं. एक ओर नफरतों की दीवार खड़ी हो तो वहीं प्रयागराज में आपसी सौहार्द का भाव भी इस कस्बे में नजर आता है.

बता दें कि माता को चढ़ने वाला आस्था का ये प्रसाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर से 40 किमी दूर लालगोपालगंज गांव में मुस्लिम समुदाय के रंगरेज बिरादरी के लोग कई पीढ़ियों से बनाते आ रहे हैं. नवरात्र के पूरे नौ दिन यहां मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे परिवार के साथ दिन-रात मेहनत करके कलावा और चुनरी तैयार करते हैं. लाल गोपालगंज गांव के रहने वाले लगभग 50 से अधिक मुस्लिम रंगरेज़ परिवार हैं. पूरा परिवार इसी कारोबार से चलता है.

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कई पीढ़ियों से काम करने वाले मोहम्मद अलीम कहते है हमारे पूर्वज काम किया करते थे उस समय के राजवाड़ा के लोग हर साल रंगरेज बिरादरी को सम्मान किया करते थे. लेकिन अब हम लोगों को कोई नहीं पूछता है.

चुनरी बनाने वालों में से एक रंगरेज मो. नफीस ने यूपी तक से को बताया कि हमें ये काम करने में तनिक भी संकोच नहीं होता है. हम सभी अपने पैतृक काम को कर रहे हैं. इसी तरह इसी का कस्बे में रहने वाले मो. अमीर ने बताया कि ये काम हमारे पिताजी के पिताजी किया करते थें. हमें ये काम विरासत में मिला है और मैं भी इसे कर रहा हूं. आपको बता दें नवरात्र के दौरान इन कारिगरों के हाथों की बनी सामान की डिमांड अधिक बढ़ जाती है. यहां देश के अलग-अलग कोने से व्यापारी आते हैं और यहां चुनरी, कलावा धागा और राम नाम की चुनरी ले जाते हैं.

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