मेरठ के 'हिंदू बाहुल्य क्षेत्र' में रियाजुद्दीन के मकान खरीदने से मचा बवाल, मुस्लिम शख्स पर लगा ये आरोप

उस्मान चौधरी

मेरठ के बागपत रोड स्थित दुर्गापुरम कॉलोनी में एक मकान की बिक्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कॉलोनी पूरी तरह हिंदू बाहुल्य क्षेत्र है, लेकिन हाल ही में यहां एक रियाजुद्दीन नामक मुस्लिम व्यक्ति को मकान बेचा गया, जिससे क्षेत्र के लोगों में असंतोष फैल गया.

ADVERTISEMENT

Durgapur  Communal Controversy
Durgapur Communal Controversy
social share
google news

UP News: मेरठ के बागपत रोड स्थित दुर्गापुरम कॉलोनी में एक मकान की बिक्री को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कॉलोनी पूरी तरह हिंदू बाहुल्य क्षेत्र है, लेकिन हाल ही में यहां एक रियाजुद्दीन नामक मुस्लिम व्यक्ति को मकान बेचा गया, जिससे क्षेत्र के लोगों में असंतोष फैल गया. ये विवाद आगे तब बढ़ा जब नए मकान मालिक पर दुर्व्यवहार और धमकी देने के आरोप लगे. इसके बाद  स्थानीय लोगों ने पुलिस से कार्रवाई की मांग की है, वहीं प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है.

क्या है पूरा विवाद?

दुर्गापुरम कॉलोनी में स्थित यह मकान मेरठ के भोला रोड पर रहने वाले बिजेंद्र कुमार ने खरीदा था, लेकिन कुछ समय बाद इसे खडौली के निवासी रियाजुद्दीन को बेच दिया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉलोनी में कोई मुस्लिम आबादी नहीं है और इस मकान की बिक्री से क्षेत्र का साम्प्रदायिक संतुलन प्रभावित हो सकता है. इसी कारण स्थानीय लोगों ने इस बिक्री पर आपत्ति जताई है.

गाड़ी से कुत्ता कुचलने की घटना से बढ़ा विवाद 

ये मामला तब और बढ़ गया जब 21 फरवरी 2025 को रियाजुद्दीन अपने नए मकान पर पहुंचा और इसी दौरान उसकी गाड़ी से एक कुत्ता कुचलकर मर गया. स्थानीय लोगों ने इस घटना पर आपत्ति जताई और शांति बनाए रखने के लिए उससे बातचीत करने की कोशिश की. लेकिन आरोप है कि रियाजुद्दीन आक्रोश में आकर मोहल्लेवालों से दुर्व्यवहार करने लगा और कथित तौर पर धमकी दी कि उसने मकान खरीद लिया है और कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. 

यह भी पढ़ें...

स्थानीय निवासियों ने क्या किया? 

इस घटना से नाराज होकर स्थानीय लोगों ने थाना टीपी नगर के प्रभारी से मुलाकात कर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है. उनका कहना है कि यदि प्रशासन जल्द कदम नहीं उठाता और मकान वापस नहीं कराया जाता, तो वे अनशन पर बैठ जाएंगे और इस मामले को उच्च अधिकारियों तक ले जाएंगे. इस विरोध के चलते लोगों ने अपने घरों पर ‘पलायन’ के पोस्टर भी चपका दिए हैं. 

प्रशासन ने क्या कहा? 

मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम का कहना है कि यह मामला संज्ञान में लिया गया है और दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है. प्रशासन का कहना है कि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से एक महीने का समय लिया है, जिसके भीतर मकान की राशि वापस करने और मामले को सुलझाने की कोशिश की जाएगी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रही है.

आगे क्या होगा? 

अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस मामले को किस तरह सुलझाता है और क्या दोनों पक्षों के बीच कोई समाधान निकलता है. फिलहाल, पुलिस का कहना है कि वे मामले पर नजर बनाए हुए हैं और जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी.

    follow whatsapp