हमीरपुर और महोबा में बारिश का कहर! कच्चे मकान गिरने के अलग-अलग हादसों में कई लोगों की मौत
यूपी के हमीरपुर और महोबा जिलों में तेज बारिश का कहर गरीबों के ऊपर मौत बन कर टूटा है. बता दें कि हमीरपुर जिले में…
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यूपी के हमीरपुर और महोबा जिलों में तेज बारिश का कहर गरीबों के ऊपर मौत बन कर टूटा है. बता दें कि हमीरपुर जिले में हुई तेज बारिश से एक कच्चा घर ढह गया, जिसमें अंदर बुजुर्ग दंपति की दब कर दर्दनाक मौत हो गई. वहीं, महोबा जिले में भी तेज बरसात से एक कच्चा मकान गिर जाने से उसमें सो रही मां, बेटी दब गईं और बेटी की मौत हो गई. इसके अलावा, मूसलाधार बारिश से मौदहा थाने के रीवन गांव में भी एक मकान गिर गया, जिसके अंदर सो रहे पति, पत्नी की मकान में दब गए. ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को मकान के मलबे से निकाल कर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.
विस्तार से जानें पूरा मामला
मामला हमीरपुर जिले के मौदहा कोतवाली क्षेत्र के रीवन गांव का हैं. जहां पर शनिवार की रात करीब 10 बजे मूसलाधार बारिश होने के कारण एक मकान गिर गया. जिसमें बारेलाल (65) पुत्र पूरन और उसकी पत्नी सती देवी दब गए. यह देख उनके परिजन और ग्रामीणों ने बड़ी मशक्कत के बाद दोनों को मलबे से बाहर निकाला और मौदहा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया. जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. यह सुन मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया. मौके पर पहुंची मौदहा थाने की पुलिस ने दोनों शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा. वहीं मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार दिवाकर मिश्रा ने परिजनों से घटना की जानकारी ली और हर संभव मदद दिलाने की बात की है.
वहीं, महोबा जिले में हुई बारिश के चलते शहर कोतवाली क्षेत्र के बीजानगर गांव में कच्चा मकान गिर जाने से हादसा हो गया. जिसमें 7 वर्ष की एक मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई. बीजानगर गांव निवासी रामधनी पाल की पुत्री रामदेवी अपनी ससुराल जनपद छतरपुर के ग्राम किदपुरा से रक्षाबंधन पर्व पर अपने 8 वर्षीय पुत्र दीवान और 7 वर्षीय पुत्री बिट्टो के साथ आई हुई थी. बताया जाता है कि वह अपने पिता के खेत में बने मकान में खाना बना रही थी, जबकि पास में ही उसकी 7 वर्षीय पुत्री बिट्टो खेल रही थी. वहीं पुत्र दीवान मकान के बाहर खेल रहा था. अचानक जर्जर हो चुका कच्चा मकान भरभरा कर गिर पड़ा. इसके पहले रामदेवी कुछ समझ पाती बच्ची सहित वह मलबे में दब गई.
चीख-पुकार सुन परिवार और ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो गए सभी ने आधे घंटे तक रेस्क्यू कर बमुश्किल मां-बेटी को मलबे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक 7 वर्ष की मासूम बिट्टो की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई थी. जबकि घायल मां को इलाज के लिए परिजनों द्वारा जिला अस्पताल लाया गया. महिला का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है.
इसके बाद सूचना मिलते ही राजस्व की टीम लेखपाल और कानूनगो ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा कर नुकसान का आंकलन किया. मासूम बच्ची की मौत हो जाने से उसके परिवार में कोहराम मचा है. कानूनगो सूर्यप्रकाश पाल ने बताया कि बारिश के कारण कच्चा मकान जर्जर हो चुका था जिससे यह हादसा हुआ है. इस दैवीय आपदा के लिए शासन द्वारा मृतक परिवार को चार लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है, जिसके लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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