बहराइच में आदमखोर भेड़िए ने एक और बच्चे को बनाया शिकार, मां संग सोए अयांश को यूं उठा ले गया

राम बरन चौधरी

बहराइच में आदमखोर भेड़िए का आतंक जारी है. मां के साथ सो रहे अयांश को भेड़िया उठा ले गया और उसे अपना शिकार बना लिया। जानिए पूरी घटना की कहानी.

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News about Bahraich  wolf: बहराइच में आदमखोर भेड़ियों ने एक और मासूम की जिंदगी को खत्म कर दिया. इस बार भेड़िए एक पांच साल के बच्चे को उठा ले गए. बच्चा अपनी मां के साथ सोया था. अबतक बहराइच में भेड़ियों के आतंक की ये 9वीं घटना है. प्रशासन लाख दावे कर रहा है, लेकिन लोगों के अपने घरों के चिराग को यूं आंखों के सामने जाते देखनी की बेबसी के सिवा और कुछ हासिल नहीं हो रहा. 

भेड़िए के इस नए हमले से खौफ और बढ़ गया है. ये मामला थाना खैरीघाट क्षेत्र का है. बीती रात यहां के दीवानपुरवा में पांच वर्षीय अयांश को आदमखोर भेड़िया उस समय उठा ले गया जब वह अपनी मां रोली के साथ घर के आंगन में सोया हुआ था. रोली की नींद खुलने पर जब उसने अपने बच्चे को गायब देखा, तो घर में चीखपुकार शुरू हो गई. रात में बच्चे को काफी तलाश गया, लेकिन वह नहीं मिला. 

सुबह बच्चे का क्षत विक्षत शव गांव से कुछ दूरी पर पड़ा मिला. सूचना पर मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने घटना स्थल की जांच पड़ताल कर बच्चे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है.

 

 

आदमखोर भेड़ियों ने बढ़ाया अपना दायरा 

पांच वन प्रभागों बहराइच, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ, श्रावस्ती, गोंडा, और बाराबंकी की लगभग 25 टीमें इन आदमखोरों को पकड़ने और इनके लोकेशन को ट्रैक करने में लगी हैं. इन आदमखोरों पर कोई असर होता नहीं दिखाई पड़ रहा है. एक के बाद एक ये नए शिकार की तलाश में इंसानी बस्ती में हमले की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. 

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अब तो इन आदमखोरों ने अपना दायरा जिले के अन्य क्षेत्रों तक बढ़ा लिया है. जिले के हरदी थाना क्षेत्र में हुई आठ घटनाओं के बाद ये नौवीं घटना खैरीघाट थाना क्षेत्र में दिखाई पड़ी है. ग्रामीणों के मुताबिक ये नौवीं घटना है, लेकिन वन विभाग इसे सातवीं घटना बता रहा है. बहराइच के डीएफओ इन भेड़ियों की संख्या छह बता रहे हैं, तो प्रभावित इलाकों के ग्रामीण इनकी संख्या दो दर्जन बता रहे हैं. 

 

 

भेड़ियों को रिहायशी इलाकों से दूर भगाने के लिए वन विभाग के विशेषज्ञ हाथियों के मल और मूत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि हाथियों के मल और मूत्र की गंध से उनकी मौजूदगी का भ्रम बनता है और भेड़िये दूर भाग जाते हैं.

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