हापुड़: मृतकों की संख्या बढ़कर हुई 13, आखिर इंडस्ट्रियल एरिया में कब बनेगा फायर स्टेशन?

देवेंद्र शर्मा

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हापुड़ के धौलाना में औद्योगिक क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाने वाली रूही इंडस्ट्रीज की आड़ में चल रही ‘अवैध पटाखा फैक्ट्री’ में विस्फोट होने से अब तक 13 मजदूरों की मौत हो चुकी है. 13वीं मौत की पुष्टि खुद जिलाधिकारी मेधा रूपम ने की है. वहीं, हादसे में 19 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनका गाजियाबाद, मेरठ और दिल्ली के अस्पतालों में इलाज चल रहा है.

आपको बता दें कि इनमें ज्यादातर मजदूर शाहजहांपुर और हरदोई जनपद से आकर हापुड़ के खिचरा में रहकर इस फैक्ट्री में काम कर रहे थे. मृतक मजदूरों के शवों को हापुड़ स्थित जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है.

पीड़ितों के परिजनों ने बताया कि हादसे में का शिकार हुए 19 लोग शाहजहांपुर स्थित एक गांव के रहने वाले थे.

मिली जानकारी के अनुसार, कुछ साल पहले अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालक वसीम की हापुड़ के हाफिजपुर थाना क्षेत्र में पटाखा फैक्ट्री थी. प्रशासन द्वारा सख्ती के बाद उसने हाफिजपुर की फैक्ट्री को बंद कर दिया था. खबर के अनुसार कुछ महीने पहले ही वसीम ने धौलाना थाना क्षेत्र के UPSIDC इंडिस्ट्रियाल एरिया में किराए पर फैक्ट्री लेकर काम शुरू किया था. अभी जिला प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है, लेकिन शुरुआती जानकारी से पटाखे या टॉय गन बनाने की बात का पता चला है.

पहले भी इस इंडस्ट्रियल क्षेत्र में आग और ब्लास्ट के बड़े हादसे होते रहे हैं, लेकिन हापुड़ जिला बनने के 11 साल बाद अभी तक फायर ब्रिगेड स्टेशन UPSIDC के इस इंडस्ट्रियल एरिया में नहीं बन पाया है. इसके कारण कोई बड़ा हादसा होने पर करीब 35 किलोमीटर दूर हापुड़ से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आकर आग बुझाती हैं, तब तक बड़ा नुकसान हो चुका होता है.

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आखिर इन 13 मौतों का जिम्मेदार कौन है? प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह जल्द से जल्द दोषियों को सजा दिलवाए और इस बात को सुनिश्चित करे कि भविष्य में फिर इस तरह के हादसे न हों.

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