बरेली कमिश्नर ने किसान को फोन कर पूछा- आपने धान बेचा है? जवाब मिला- नहीं और खुल गई ये पोल

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Bareilly News: जहां एक और योगी सरकार किसानों और शासन के बीच अनाज खरीदारी में बिचौलियों की भागीदारी को समाप्त करने में लगी है. तो दूसरी तरफ कुछ लोगों की मिलीभगत से बिचौलिए अभी भी मंडी में अपनी पैठ बनाए हुए हैं. वहीं, इस गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर बरेली कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने धान केंद्र पर छापा मारा और पूरे घोटाले का खुलासा भी किया.

विस्तार से जानिए पूरी खबर

बता दें की बरेली कमिश्नर अचानक से नरियावल मंडी स्थित यूपीएसएस सेंटर पर जा पहुंची और उन्होंने तुरंत ही धान खरीद प्रक्रिया की जानकारी जुटाई. खाद्य विभाग के क्रय केंद्र पर ट्रक में 125 बोरी धान कम निकली. यह देखते ही कमिश्नर हैरान रह गईं कि एक ट्रक में इतनी अधिक धान की बोरी कम कैसे पाई गई. जब इस संबंध में उन्होंने केंद्र के प्रभारी से सवाल पूछा तो कोई उचित जवाब नहीं मिला. इसके बाद फर्जीवाड़ा के आरोप में केंद्र के प्रभारी पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए.

कमिश्नर ने खुद किया किसानों को फोन , फर्जी पाए गए सभी मोबाइल नंबर

केंद्र पर किन-किन किसानों से धान खरीदा गया है, इस बात की जांच करने के लिए कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने पंजीकृत किसानों के फोन नंबर पर अपने मोबाइल कॉल लगाई. इसमें पता चला कि 8 मोबाइल नंबरों पर इनकमिंग ही नहीं थी. इसके बाद कमिश्नर ने जसोदा देवी नामक किसान के मोबाइल पर कॉल की, तो पता चला कॉल किसी पुरुष ने उठाई है. फिर कमिश्नर ने सवाल पूछा कि आपने धान बेचा है, तो दूसरी ओर से जवाब मिला- नहीं मैडम

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इसके बाद यूपीएसएस इस्माइलपुर नरियावल मंडी के केंद्र प्रभारी संकल्प कटिहार के खिलाफ थाना बिथरी चैनपुर में क्षेत्रीय प्रबंधक ओमेंद्र कुमार की ओर से धोखाधड़ी, फर्जी किसानों के दस्तावेज तैयार करने, सरकारी धन का गबन करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई गई.

मौके पर तुरंत लिया एक्शन

घोटाले की सच्चाई सामने आने के बाद कमिश्नर ने मौके भारी एक्शन लिया. 125 बोरी धान कम होने पर ठेकेदार श्याम ठेका तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए साथ ही इनकी फर्म को भी ब्लैक लिस्ट कर दिया गया. इसके अलावा प्रभारी सुषमा से भी इस संबंध में प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई, उनको सरकारी खरीद से हटा दिया गया है और यूपी एसएस के दो सेंटर को बंद कर दिया गया है.

बता दें कि नरियावल मंडी में खाद विभाग की ओर से चार सेंटर चल रहे थे सभी केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि किसानों से संपर्क कर वास्तविक धान की खरीद करें और शासन की ओर से जो लक्ष्य दिया गया है उसको जल्द से जल्द पूरा करें.

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डाला वसूली की भी मिली शिकायत

निरीक्षण के दौरान पता चला कि केंद्र पर डाला वसूली भी होती है. धान उतारने में हो रही देरी और डाला वसूली की जानकारी जैसे ही कमिश्नर को मिली उन्होंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.

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