10 हजार रुपये बरेली के दारोगा जितेंद्र को हमेशा याद रहेंगे, इसके चक्कर में ऐसे फंसे कि उड़े होश
Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली में तैनात दारोगा जितेंद्र सिंह 10 हजार रुपये के चक्कर में पड़कर अपना काफी कुछ गंवा बैठे. दरअसल रिश्वत के लालच में दारोगा आ गए और एंटी करप्शन टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया.
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UP News: बरेली में दारोगा जितेंद्र सिंह को 10 हजार रुपये ऐसे भारी पड़े, जिसे अब वह जिंदगी भर याद रखेंगे. 10 हजार के चक्कर में दारोगा की नौकरी भी चली गई और गिरफ्तार हुए सो अलग. दरअसल बरेली में एंटी करप्शन डिपार्टमेंट ने थाना शीशगढ़ में तैनात दारोगा जितेंद्र सिंह को रंगे हाथों 10 हजार की रिश्वत लेते हुए दबोच लिया.
दारोगा, एंटी करप्शन टीम को देखकर घबरा गए. उन्होंने बचने की काफी कोशिश की. मगर कोई चलाकी उनके काम नहीं आई. टीम दारोगा को अपने साथ पूछताछ के लिए ले गई और पुलिस ने दारोगा के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
मांगी थी 20 हजार की रिश्वत
दरअसल दारोगा जितेंद्र सिंह शीशगढ़ थाने में तैनात थे. एक केस में उन्होंने पीड़ित से 20 हजार की रिश्वत मांगी थी. मगर पीड़ित ने कहा कि उसके आर्थिक हालात सही नहीं हैं. ऐसे में वह 10 हजार रुपये ही दे सकता है. दारोगा 10 हजार में भी राजी हो गए.
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10 हजार रुपये में मामला तय होने के बाद पीड़ित ने इस पूरे मामले की शिकायत एंटी करप्शन टीम से कर दी. एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रंगे हाथों पकड़ने का जाल बिछा लिया. जैसे ही पीड़ित ने दारोगा को 10 हजार रुपये रिश्वत के दिए, वहां मौजूद एंटी करप्शन टीम ने फौरन दारोगा को पकड़ लिया और उसे फौरन अपने साथ ले गई.
दारोगा की गिरफ्तारी से पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
बता दें कि जब से एंटी करप्शन टीम ने दारोगा को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है, पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल पुलिस महकमे में इस मामले को लेकर काफी चर्चा की जा रही है. फिलहाल ये मामला सोशल मीडिया और क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. इससे पुलिस विभाग में करप्शन की गहरी पैठ भी एक बार फिर उजागर होती है.
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