प्रतापगढ़ में तहसील पर दो भाइयों अरुण तिवारी और आदित्य तिवारी को दौड़ा कर मार दी गोली, क्या सुशील सिंह ने किया कांड?
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से एक खौफनाक वारदात सामने आई है. यहां की एक तहसील के रजिस्ट्री ऑफिस पर दिन दहाड़े गोलियां चली हैं. इस दौरान दो भाई गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से एक खौफनाक वारदात सामने आई है. यहां की एक तहसील के रजिस्ट्री ऑफिस पर दिन दहाड़े गोलियां चली हैं. इस दौरान दो भाई गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे एक शख्स दूसरे को दौड़ाकर गोली मार रहा है और वह वहीं गिर जाता है. इस जानलेवा हमले का आरोप प्रतापगढ़ के बेलखरनाथ ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह और उनके गुर्गों पर लगा है.
जमीन विवाद और पुरानी रंजिश में हमला?
यह दिल दहला देने वाली वारदात उस वक्त हुई जब अरुण तिवारी और आदित्य तिवारी नाम के दो भाई बृजेश तिवारी के साथ जमीन का बैनामा (रजिस्ट्री) कराने रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचे थे. चश्मदीदों के मुताबिक, अचानक फायरिंग शुरू हो गई और पूरे परिसर में भगदड़ मच गई. गोली लगने से अरुण और आदित्य गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पट्टी में भर्ती कराया गया. जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है.
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, इस हमले के पीछे पुरानी रंजिश और जमीनी विवाद बताया जा रहा है. पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह ने कथित तौर पर 'गुंडा टैक्स' न देने पर इस हमले को अंजाम दिया है. फिलहाल ब्लॉक प्रमुख की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.
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पुलिस सुरक्षा मांगने के बावजूद हुई वारदात
घटना की सूचना मिलते ही पट्टी कोतवाली पुलिस भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और पूरे क्षेत्र को घेरकर जांच शुरू कर दी. पुलिस ने रजिस्ट्री कार्यालय परिसर की घेराबंदी कर सीसीटीवी फुटेज खंगाला, जिसमें फायरिंग की वारदात साफ कैद हुई है. पट्टी सीओ और एसएचओ की अगुवाई में कई टीमें आरोपियों की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक, यह और भी चौंकाने वाला है कि वारदात से दो दिन पहले ही पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा मांगी थी. लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं मिल पाई थी. दिनदहाड़े हुई इस वारदात ने तहसील और कोतवाली के ठीक बगल स्थित रजिस्ट्री कार्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
प्रतापगढ़ के एसपी अनिल कुमार ने बताया है कि हमलावरों की पहचान की जा रही है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा. फिलहाल, रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में पुलिस बल तैनात है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है. पुलिस पीड़ित पक्ष की ओर से औपचारिक तहरीर मिलने का इंतजार कर रही है ताकि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सके.