क्या मुरादाबाद में CM योगी के कार्यक्रम में फर्जी पास वाला सिक्योरिटी लैप्स हुआ? वायरल दावों का सच SP रणविजय सिंह ने बताया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुरादाबाद दौरे के दौरान सुरक्षा में चूक की अफवाह सोशल मीडिया पर तेजी से फैली, जिसमें एक व्यक्ति के फर्जी आईडी और विधायक की नंबर प्लेट लगी गाड़ी से सर्किट हाउस में घुसने की बात कही गई.
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UP News: उत्तर प्रदेश केमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल यानी 6 अगस्त को मुरादाबाद के दौरे पर थे. इसी दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सोशल मीडिया पर एक खबर ने अचानक सुर्खियां बटोर ली. वायरल हो रही इस खबर में दावा किया गया कि सर्किट हाउस में सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चूक हुई, जहां एक व्यक्ति 'किशन लाल' नाम की फर्जी आईडी और 'विधायक' की नंबर प्लेट लगी गाड़ी का इस्तेमाल कर भीतर घुसने की कोशिश कर रहा था. ऐसा कहा गया कि गेट पर उसे रोका गया लेकिन वह संदिग्ध स्थिति में मौके से फरार हो गया और मुख्यमंत्री की सुरक्षा खतरे में पड़ गई.
सोशल मीडिया पर फैली थी अफवाह
बता दें कि कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया था कि एक संदिग्ध व्यक्ति ने विधायक की गाड़ी और नकली पहचान पत्र का इस्तेमाल करते हुए सर्किट हाउस में घुसने की कोशिश की लेकिन गेट पर उसे रोका गया. यहां तक कहा गया कि असली ‘किशन लाल’ को बुलाया गया और तब जाकर सच्चाई सामने आई लेकिन तब तक आरोपी फरार हो चुका था. इन अफवाहों को इस अंदाज में पेश किया गया कि जैसे मुख्यमंत्री बाल-बाल बचे हों.
पुलिस ने किया दावों का खंडन
एसपी सिटी रणविजय सिंह ने वायरल खबरों को ‘भ्रामक और तथ्यहीन’ बताया. उनका कहना है कि “सोशल मीडिया पर जो खबरें फैलाई जा रही हैं कि सीएम योगी की सुरक्षा में चूक हुई, वे पूरी तरह गलत हैं. मुख्यमंत्री का दौरा पूरी तरह शांतिपूर्ण और सुरक्षित रहा.”
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उन्होंने स्पष्ट किया कि एक व्यक्ति गलती से किसी अन्य व्यक्ति का पास लेकर सर्किट हाउस पहुंच गया था, लेकिन गेट पर जांच में यह बात सामने आ गई कि पास उसके नाम का नहीं है. इस पर उससे पूछताछ की गई और स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही आगे की अनुमति दी गई.
नहीं हुई थी सुरक्षा में चूक
पुलिस के अनुसार जिस व्यक्ति पर संदेह हुआ, उसे गेट पर ही रोक लिया गया और पूरी जांच के बाद स्थिति साफ होने पर उसे वापस भेज दिया गया. दोनों व्यक्ति पार्टी कार्यकर्ता थे जिनमें से एक ने गलती से किसी और का पास उठा लिया था. “यह कहना कि कोई व्यक्ति फर्जी आईडी से भीतर घुसा या फरार हो गया, पूरी तरह झूठ है. यह घटना सुरक्षा में चूक नहीं, बल्कि एक मानवीय त्रुटि थी, जिसे तुरंत सही कर लिया गया.”
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