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सिंचाई विभाग में काम करने वाला मेरठ का मोहित SIR में था BLO, इतना दबाव पड़ा कि जिंदगी ही दांव पर लगा दी!

उस्मान चौधरी

सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात मेरठ के मोहित की SIR में BLO के पद पर ड्यूटी लगी थी. मोहित ने अब जहर खा लिया है. आरोप है कि मोहित पर काम का गैर-जरूरी दबाव था जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया.

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Photo: BLO Mohit
Photo: BLO Mohit
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उत्तर प्रदेश में SIR की ड्यूटी में लगे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं. दावा है कि SIR को लेकर BLO's पर काम का ज्यादा प्रेशर है, जिसकी वजह से कुछ ने तो अपनी जान तक दे दी है. इसी कड़ी में अब मेरठ से मामला सामने आया है. यहां मोहित नामक एक BLO ने कथित तौर पर जहर खा लिया है. गंभीर हालत में मोहित को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. आरोप है कि BLO मोहित पर आशीष शर्मा नामक सुपरवाइजर लगातार काम का दबाव बना रहा था. इसी से तंग आकर मोहित ने ये बड़ा कदम उठा लिया.

मेरठ के गढ़ रोड स्थित मुरलीपुरा गांव निवासी मोहित सिंचाई विभाग में वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात हैं. मोहित की SIR के चलते BLO के पद पर पल्लवपुरम में ड्यूटी लगाई गई है. परिजनों का आरोप है कि काम के दबाव के चलते मोहित ने जहर खा लिया. परिजनों का कहना है कि मोहित एसआईआर के काम में लगे हुए थे, लेकिन काम पूरा ना होने के चलते उन्हें लगातार सुपरवाइजर आशीष शर्मा के द्वारा दबाव बनाया जा रहा था. मंगलवार को भी सुपरवाइजर आशीष शर्मा ने जल्दी काम पूरा करने का दबाव बनाया. आरोप है कि इसी से परेशान होकर मोहित ने घर जाकर जहर खा लिया. हालत बिगड़ने पर उन्हें परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया. अभी मोहित की हालत स्थिर बताई जा रही है. इस घटना के बाद विभागीय यूनियन के कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में हंगामा किया.

BLO की ड्यूटी लगाई गई पर ट्रेनिंग नहीं दी गई: पत्नी ज्योति

पीड़ित की पत्नी ज्योति ने बताया कि कई दिन से काम का दबाव बनाया जा रहा था जिसके चलते मोहित डिप्रेशन में थे. पत्नी का कहना है कि BLO की ड्यूटी लगाई गई है लेकिन कोई ट्रेनिंग नहीं दी गई. 

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यहां देखें ज्योति ने और क्या-क्या कहा?

घटना की सूचना के बाद कई अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. ADM (E) सत्य प्रकाश सिंह ने बताया कि 'शाम को जानकारी हुई कि एक BLO ने जहर खाया है. बताया गया है कि सुपरवाइजर की तरफ से समीक्षा ज्यादा की जा रही थी. शायद उसका ही कुछ रहा होगा. अभी वह बताने की स्थिति में नहीं है. मैं पेशेंट से खुद मिलने गया था. उनकी स्थिति स्टेबल है. खतरे से बाहर है. लेकिन बात करने की स्थिति में नहीं है बहुत ज्यादा. हमारी जानकारी में अभी ऐसा कुछ नहीं है कि काम का कोई ज्यादा दबाव था. काम का प्रेशर तो सभी के ऊपर होता है. इलेक्शन कमिशन की गाइडलाइंस हैं. गाइडलाइन के तहत ही काम कराया जा रहा है. किसी कर्मचारी पर ऐसा कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है कि सस्पेंड कर देंगे या ऐसा कुछ कर देंगे. मेरी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है. उनकी तबीयत ठीक हो जाए उसके बाद जो वह कहेंगे इस पर एक्शन लिया जाएगा. वह हमारे अच्छे BLO हैं. उनकी अच्छी परफॉर्मेंस है. काफी काम उन्होंने पूरा कर लिया है. इलेक्शन कमीशन ने भी एक हफ्ते की तारीख बढ़ती है.'

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