लखनऊ को मिला टाइटेनियम, सुपर एलॉय मैटीरियल्स प्लांट, जानिए इसमें क्या होगा काम
लखनऊ में टाइटेनियम और सुपर एलॉय मटीरियल्स प्लांट का शुभारंभ, अब भारत में ही बनेगा रक्षा और एयरोस्पेस सेक्टर के लिए सबसे अहम तकनीकी मैटीरियल. जानिए पूरी डिटेल और इसका असर.
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भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ ब्रह्मोस एयरोस्पेस, सरोजनीनगर में टाइटेनियम और सुपर एलॉय मैटीरियल्स प्लांट का लोकार्पण किया. इसके अलावा पीटीसी इण्डस्ट्रीज का भ्रमण भी किया. लखनऊ में टाइटेनियम और सुपर एलॉय मैटीरियल्स प्लांट का से उत्तर प्रदेश ने रक्षा और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस, सरोजनीनगर परिसर में बना यह प्लांट सिर्फ औद्योगिक विकास नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है. इस अत्याधुनिक संयंत्र में अब देश को फाइटर जेट, मिसाइल, सैटेलाइट सहित कई रक्षा जरूरतों में जरूरी महत्वपूर्ण पार्ट्स विदेशी आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. अब यह सब कुछ भारत में ही बनेगा.
इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि, 'यह सिर्फ एक प्लांट नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की धरती पर आत्मनिर्भर भारत के विजन का एक जीवन्त उदाहरण है. यह प्लांट देश को टेक्नोलॉजी की दृष्टि से मजबूत बनाएगा और लाखों नौजवानों के जीवन में रोशनी भी लेकर आएगा. टाईटेनियम और सुपर एलॉय मैटीरियल्स प्लाण्ट भारत को उन चुनिन्दा देशों की श्रेणी में ले जाएगा, जो स्वयं क्रिटिकल डिफेंस और एयरोस्पेस मैटीरियल्स बना सकते हैं. अब हमारे फाइटर जेट्स, मिसाइल्स, सैटेलाइट में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न पार्ट्स किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि भारत में ही तैयार होंगे. ‘टेक्नोलॉजी इज़ पावर, बट मैटीरियल इज़ रीयल स्ट्रेन्थ’. सेमी कण्डक्टर चिप, बुलेट मैटीरियल, इंजन टर्बाइन पार्ट जैसी विभिन्न सामग्री स्ट्रैटेजिक मैटीरियल से ही सम्भव हैं.'
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'आज का दिन हम सबके लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है. लखनऊ के लोकप्रिय सांसद और देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी की उपस्थिति में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस मिसाइल के प्रथम बैच के फ्लैग ऑफ कार्यक्रम के साथ जुड़ने के साथ ही, हमें पीटीसी इण्डस्ट्रीज के एयरोलॉय टेक्नोलॉजी सिस्टम के इंटिग्रेशन फैसिलिटी के आयोजन के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है. भारत अब न केवल अपनी रक्षा आवश्यकताओं के लिए, बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के शताब्दी संकल्प के अनुरूप विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताओं की प्राप्ति में भी दुनिया के सामने स्वयं को साबित कर रहा है. भारत का सपना है कि वह एयरो इंजन और एडवांस प्रोपल्शन सिस्टम को स्वयं बनाए. इस सपने को साकार करने के लिए स्ट्रैटेजिक मैटीरियल के प्रोडक्शन से लेकर रेडी-टू-फिट क्रिटिकल कम्पोनेण्ट तक मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन की पूरी कैपेबिलिटी हमारे पास होनी चाहिए. यह सब कुछ हमें आज पीटीसी इंडस्ट्री में देखने को मिल रहा है. इससे देश में मजबूत स्वदेशी डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग ईको-सिस्टम बन सकेगा.'
आपको बता दें कि टाइटेनियम, सुपर एलॉय और रेयर अर्थ मटीरियल्स को रिफाइन करने और उनसे मैन्युफैक्चरिंग करने की क्षमता अब दुनिया के चुनिंदा देशों के पास ही है. अब भारत में भी यह मुमकिन हुआ है. प्लांट में सेमीकंडक्टर चिप, बुलेट मटीरियल, इंजन टर्बाइन पार्ट्स सहित कई स्ट्रैटेजिक डिफेंस और स्पेस मटीरियल बनेंगे. यहां प्रेसिजन मशीन फैसिलिटी और प्रोपल्शन सिस्टम इंटीग्रेशन फैसिलिटी भी विकसित की जा रही है, जिससे देश की रक्षा और एयरोस्पेस न सिर्फ विदेशी तकनीक पर निर्भर नहीं रहेगी, बल्कि दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग का अहम हब बन सकेगी.
50 एकड़ में फैले, करीब 1,000 करोड़ रुपये के निवेश से बने इस टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स से हज़ारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के मौके मिलेंगे. इसमें PTC इंडस्ट्रीज और उसकी सहायक कंपनी एयरोलॉय टेक्नोलॉजी लिमिटेड ने अत्याधुनिक संयंत्र, स्किल्ड मैनपावर और ग्रीन टेक्नोलॉजी का तालमेल दिखाया है. यह प्लांट न केवल पूरी मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन को भारत में लेकर आएगा, बल्कि स्वदेशी शोध, डिजाइन, डेवलपमेंट और डिलीवरी की सोच को मजबूत करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक यह इकाई “नौजवानों को हुनर और रोजगार, औद्योगिक क्रांति का नया मुकाम और आत्मनिर्भर भारत के सपने की असल जमीन है.”