10 से साल डीप फ्रीजर में लेटे गुरु को जगाने के लिए साध्वी आशुतोषांबरी ने ली थी समाधि! अब ये पता चला
24 जनवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तब सनसनी मची जब ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी आशुतोषांबरी ने समाधि ले ली.
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UP News: 24 जनवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तब सनसनी मची जब ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी आशुतोषांबरी ने समाधि ले ली. दावा किया जा रहा है कि करीब 10 साल पहले आशुतोष महाराज ने समाधि ली थी, तब से लेकर अब तक उनका शरीर डीप फ्रीजर में रखा हुआ है. समाधि लेने से पहले साध्वी आशुतोषांबरी एक वीडियो जारी किया था. वीडियो के जरिए अपने समर्थकों को संदेश देते हुए साध्वी आशुतोषांबरी ने कहा था कि वह अपने गुरु आशुतोष महाराज को वापस लाने के लिए समाधि ले रही हैं. बता दें कि साध्वी आशुतोषांबरी को समाधि लिए एक महीने से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन अबतक न वो वह और न ही उनके गुरु वापस लौट सके हैं.
डॉक्टरों ने दिया ये अपडेट
साध्वी आशुतोषांबरी की मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि वह न तो सांस ले रही हैं और न ही उनकी पल्स चल रही है. उनके शरीर का कोई भी ऑर्गन फिलहाल काम नहीं कर रहा है. खुद डॉक्टर उन्हें क्लिनिकली डेड मान रहे हैं. समाधि में गईं साध्वी की जांच करने वाले डॉक्टर जेपी सिंह ने उनकी सेहत को लेकर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.
कौन हैं साध्वी आशुतोषांबरी?
आपको बता दें कि साध्वी आशुतोषांबरी मूल रूप से बिहार के दरभंगा जिले की रहने वाली हैं. उनका नाता राजा परिवार से भी है, लेकिन पिता दिल्ली में आ गए थे, जहां वह साधना और ध्यान में ही रहते थे. ऐसा कहा जाता है कि जब साध्वी का जन्म हुआ था, उस समय ऐसा प्रकाश हुआ कि लोगों को लगा की लाइट आ गई. इसके बाद से ही साध्वी आशुतोषांबरी साधना में बड़ी होती गईं. इस दौरान दिव्या ज्योति संस्थान के महाराज आशुतोष के संपर्क में वह आईं. उन्होंने मां आशुतोषांबरी के प्रचार प्रसार के लिए उनको आगे आने को कहा. इसके बाद वह पहले तिहाड़ जेल में कैदियों को जागरूक करती थीं और वहीं पर साधना, प्रचार- प्रसार करती थीं.
कौन हैं आशुतोष महाराज?
आशुतोष महाराज दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक हैं. वो पिछले 10 साल से समाधि में हैं. उन्होंने साल 1983 में जालंधर के नूर महल में इस संस्थान की नींव रखी थी. देशभर में इस संस्थान के 350 आश्रम हैं. विदेश में भी इस संस्थान के कई आश्रम हैं. दिसंबर 2009 में लुधियाना में सिख समूहों और आशुतोष महाराज के कुछ शिष्यों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. उसके बाद केंद्र सरकार ने आशुतोष महाराज को जेड प्लास सुरक्षा मुहैया कराई थी. हालांकि बाद में उनकी सुरक्षा जेड श्रेणी की कर दी गई थी.
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