लखनऊ: Lulu मॉल में नमाज किस साजिश के तहत पढ़ी गई थी, क्या पुलिस को इस सवाल का जवाब मिला?

संतोष शर्मा

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लखनऊ के लुलु मॉल में नमाज का वीडियो वायरल होने के बाद जो हंगामा हुआ वह थम गया है. लखनऊ पुलिस बिना इजाजत मॉल में नमाज पढ़ने वाले 5 लड़कों को गिरफ्तार कर चुकी है. मगर इस कार्रवाई के बावजूद पुलिस मॉल में नमाज पढ़ने की ना तो ठोस वजह तलाश पाई है और ना ही नमाज का वीडियो वायरल करने वालों की पहचान कर सकी है. पुलिस के लिए कुछ सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब वो तलाश रही है.

बीते 12 जुलाई को लखनऊ के लुलु मॉल में बिना इजाजत नमाज पढ़ने के मामले में लखनऊ पुलिस ने बीते मंगलवार को लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी इलाके से चार युवकों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने दावा किया कि वायरल वीडियो में जो नमाज पढ़ते लड़के दिखाई दे रहे हैं, उनमें गिरफ्तार किए गए लुकमान, रेहान, नोमान और मोहम्मद आतिफ शामिल थे. लखनऊ पुलिस ने शनिवार को पांचवें आरोपी आदिल को भी सआदतगंज इलाके से गिरफ्तार कर लिया.

अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि नमाज पढ़ने वाले ये लड़के दोपहर 2:30 बजे लुलु मॉल में पहुंचे थे, जहां पर पहले ग्राउंड फ्लोर और फिर दूसरे फ्लोर पर जाकर नमाज पढ़ी थी. वायरल वीडियो में जिसने नमाज की इमामत की, जो बाकी लड़कों से आगे खड़ा होकर नमाज़ पढ़ रहा था वह मोहम्मद लुकमान था.

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पांचवें आरोपी को गिरफ्तार करने में बाइक बनी सहारा

लखनऊ पुलिस ने जब नमाज पढ़ने वाले लड़कों के सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया, तो पता चला कि नमाज में शामिल एक लड़का मॉल में एक लड़के के गले मिला था. गले मिलने वाले लड़के को सीसीटीवी फुटेज से ट्रेस किया तो पता चला वो बाइक से मॉल घूमने आया था. बाइक नंबर के सहारे बाइक के मालिक की तलाश की, तो पता चला बाइक कई साल पहले कई लोगों को बेची जा चुकी है. जब सभी मालिकों से पूछताछ की गई तब लखनऊ पुलिस ने आदिल को गिरफ्तार किया.

इन पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद लखनऊ पुलिस यह नहीं जान पाई है कि मॉल में नमाज किसी साजिश के तहत पढ़ी गई थी, या एक साथ सभी का नमाज पढ़ना एक इत्तेफाक था. जांच से जुड़े एक अफसर का कहना है कि अब तक गिरफ्तार सभी आरोपी मॉल घूमने गए थे और सिर्फ नमाज का वक्त एक हो जाने के चलते नमाज पढ़ने लगे थे.

वहीं, दूसरी तरफ गिरफ्तार आरोपी इस्लाम को बखूबी जानते थे, तो फिर उनके नमाज अदा करने की दिशा और इमाम की दिशा गलत कैसे हो गई? इस पर भी लखनऊ पुलिस अभी जवाब तलाश रही है.

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फिलहाल एडिशनल डीसीपी साउथ राजेश श्रीवास्तव का कहना है बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. कॉल डिटेल और मोबाइल टावर के आधार पर उन लोगों को भी तलाश की जा रही है जिन्होंने मॉल के अंदर 2 वीडियो बनाएं. एक वीडियो 1 मिनट 25 सेकंड का था और दूसरा लगभग 18 सेकंड का बना था, जिनको वायरल किया. मगर शुरुआती जांच और पूछताछ के बाद नमाज का वीडियो वायरल करने के पीछे साजिश कम नजर आ रही है.

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